
बहुजन समाज पार्टी के नेता रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. मायावती के करीबी रहे नसीमुद्दीन ने यह फैसला बीएसपी से निकाले जाने के बाद लिया है. हालांकि, सदस्यता ग्रहण करते समय वो तीन बार कांग्रेस की जगह बीएसपी बोल गए.
उन्होंने सदस्यता ग्रहण करते समय कहा कि मैंने बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की है. इस दौरान गलती से उन्होंने कांग्रेस की जगह बीएसपी कहा और फिर माफी मांगी. इस गलती पर उन्होंने कहा कि मैंने 34 साल बीएसपी को दिए हैं, 34 मिनट तो जुबान से हटने में लगेगा ही. तभी गुलाम नबी आजाद बोले कि एक महीने की माफी है.
इसके बाद नसीमुद्दीन ने शेर पढ़ा, इंदिरा को याद किया और बोले कि मेरे बाप दादा बसपा में थे. यहां भी वो गलती कर गए. इसके बाद लोग खूब हंसे और बीच में राजबब्बर बोले- दिल का दर्द बाहर आ गया. हालांकि, उन्होंने कहा, 'दिल दिमाग में बीएसपी ही रही है तो मैं कांग्रेस की जगह बीएसपी का नाम लेने के लिए माफी चाहूंगा.'
बता दें कि बीएसपी से निकाले जाने के बाद सिद्दीकी ने मायावती पर कई आरोप लगाए थे. उन्होंने मायावती और खुद के ऑडियो रिकार्डिंग भी जारी की थी, आरोप लगाया था कि इसमें मायावती उनसे पैसे पहुंचाने की बात कर रही हैं.
नसीमुद्दीन बीएसपी की सभी सरकारों और पार्टी में वह अहम पदों पर रहे हैं. मौजूदा समय में वह विधान परिषद सदस्य हैं. बसपा से निकाले जाने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा नाम से एक मोर्चा बनाया था.