
खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में अपने रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई और अगस्त में इसमें और गिरावट आने की संभावना है. प्रमुख ब्रोकरेज कंपनियों ने यह बात कही और उम्मीद उताई कि भारतीय रिजर्व बैंक सितंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य दर में 0.25 प्रतिशत कटौती करेगा.
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल), डीबीएस और एसबीआई रिसर्च के मुताबिक मुद्रास्फीति के निम्न आंकड़े बताते हैं कि मुद्रास्फीति में गिरावट का दबाव इसके पिछले साल के आधार प्रभाव से भी आगे बढ़कर है और इसे देखते हुए खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक की जनवरी 2016 तक के छह प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में सालाना स्तर पर 3.78 प्रतिशत रही. ऐसा सब्जी, फल और अनाज समेत कुछ उत्पादों की कीमत कम रहने के वजह से हुआ. विशेषग्यों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के छह प्रतिशत (सीपीआई) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के लक्ष्य के अनुरूप है.
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने एक अनुसंधान पत्र में कहा कि आरबीआई 29 सितंबर और दो फरवरी को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा. एसबीआई रिसर्च के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति में कमी बरकरार रहने की संभावना है और अगस्त का खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा 3.5 प्रतिशत से कम रहने की उम्मीद है.
एसबीआई रिसर्च ने कहा हमें अब उम्मीद है कि आरबीआई सितंबर की समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती करेगा. इस कैलेंडर वर्ष के सात महीनों के दौरान रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में तीन बार की कटौती के बाद केन्द्रीय बैंक ने अगस्त में प्रमुख नीतिगत दर को 7.25 प्रतिशत और सीआरआर को 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा.
इनपुट : भाषा