इसमें कोई शक नहीं है कि जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर हर किसी के मन में डर बैठा हुआ है. लेकिन क्या स्थिति इतनी गंभीर है कि दुनिया के बड़े-बड़े व्यवसायी भी अब सिर्फ जिंदगी और मौत के बारे में सोच रहे हैं?
सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इंग्लिश टीचर से अरबपति बने चीन के व्यवसायी जैक मा ने कहा है कि 2020 सिर्फ जिंदा रहने का साल है, यहां तक कि आपको अपने सपनों या योजनाओं के बारे में भी नहीं सोचना है, बस यह सुनिश्चित करना है कि आप जिंदा बचे रहें. जैम मा की तस्वीर के साथ उनका यह कथित बयान जोड़कर फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप पर वायरल हो रहा है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि इस वायरल बयान का जैक मा से कोई लेना देना नहीं है. ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि चीन के इस अरबपति व्यवसायी ने ऐसा कोई बयान दिया है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
जैक मा के नाम से यह बयान फेसबुक और ट्विटर पर वायरल है. जैक मा की तस्वीर के साथ लिखा है, “व्यापार में लगे लोगों के लिए, 2020 वास्तव में बस जिंदा बचे रहने का साल है. यहां तक कि आप अपने सपनों और योजनाओं के बारे में भी बात न करें. अगर आप जिंदा बचे रह सकते हैं तो आप पहले से ही फायदे में हैं.” बयान के नीचे “जैक मा अलीबाबा ग्रुप” लिखा गया है, जैसे कि यह जैक मा का ही बयान हो.
इसे सच मानने वालों में भारत के पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और पाकिस्तान की पार्टी पीटीआई के केंद्रीय सूचना सचिव अहमद जवाद हैं, जिन्होंने इसे शेयर किया है.
AFWA की पड़ताल
जैक मा के नाम से वायरल इस बयान के कुछ कीवर्ड्स को इंटरनेट पर सर्च करके हमें पता चला कि यही दावा कुछ अन्य देशों में भी वायरल हो रहा है. इंडोनेशिया के एक फैक्ट चेकर संस्थान ने अलीबाबा ग्रुप के आधिकारिक बयान के हवाले से इस दावे को खारिज किया है.
इंडोनेशिया में अलीबाबा ग्रुप के कॉरपोरेट अफेयर डायरेक्टर डियान सैफिट्री ने इंडोनेशियाई फैक्ट चेक संस्थान “TempFakta Cek Team” को स्पष्ट किया कि जैक मा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि 2020 बस जिंदा बचे रहने का साल है. उन्होंने कहा, “ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि जैक मा ने ऐसा कोई संदेश दिया हो.”
कोरोना पर जैक मा का बयान
कोरोना वायरस संकट पर जैक मा का बयान सर्च करने पर हमें अलीबाबा ग्रुप का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्हें महामारी से लड़ने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत के बारे में बोलते हुए देखा जा सकता है.
पिछले महीने अफ्रीका और चीन के डॉक्टरों के एक वेबिनार (ऑनलाइन सेमिनार) में भाग लेने के दौरान जैक मा ने कहा था, “वायरस लोगों और नस्लों के बीच अंतर नहीं करता. वायरस को पासपोर्ट की जरूरत नहीं है. वायरस हमें बताता है कि कोई भी देश कितना भी मजबूत क्यों न हो, इस आपदा के सामने हम सभी कमजोर और नाजुक हैं.”
उस वेबिनार के पूरे सत्र को यहां सुना जा सकता है.
जैक मा मार्च में आए ट्विटर पर
जैक मा ने हाल ही में 16 मार्च को ट्विटर ज्वाइन किया है. अपने पहले ट्वीट में उन्होंने शंघाई से अमेरिका जाने वाले मास्क और कोरोना वायरस टेस्ट किट की पहली खेप की तस्वीरें पोस्ट की थीं.
यही बयान टाटा के नाम से वायरल हुआ
इसके कुछ दिन पहले यही बयान भारतीय उद्योगपति रतन टाटा के नाम से भी वायरल हुआ था. टाटा के नाम से यह बयान इतना वायरल हुआ कि उन्होंने खुद ही इसका खंडन किया. आज तक ने भी इस दावे का खंडन किया था कि टाटा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.