
पहले ‘मेरे अच्छे दिन कब आएंगे...’, फिर ‘मेरे अच्छे दिन हैं आए रे...’
एक ही गाने के दो अलग-अलग रंगों ने सोशल मीडिया पर माहौल इतना गर्म कर दिया कि अब राजनीतिक दिग्गज भी इस बहस में कूद पड़े हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुरुआत की और बीजेपी प्रवक्ता जीएल नरसिम्हा ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई.
दोनों ने क्या कहा, इस पर आने से पहले थोड़ा गाने के बारे में बता दें. दरअसल, 3 अगस्त को ‘फन्ने खां’ फिल्म रिलीज होने जा रही है. अनिल कपूर, ऐश्वर्या राव बच्चन और राजकुमार राव की स्टार कास्ट वाली इस फिल्म के लिए इरशाद कामिल ने एक गाने के दो वर्शन लिखे हैं. पहला- ‘मेरे अच्छे दिन कब आएंगे’ और दूसरा- ‘मेरे अच्छे दिन हैं आए रे’. गाने को आवाज देने के साथ संगीत भी अमित त्रिवेदी ने दिया है.
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फिल्म के निर्माता अनिल कपूर, राकेश ओमप्रकाश मेहरा और टी सीरीज के भूषण कुमार हैं. फिल्म के निर्देशक अतुल मांजरेकर हैं. करीब 10 दिन पहले ‘मेरे अच्छे दिन कब आएंगे’ बोल वाले गाने को यूट्यूब पर रिलीज किया गया. गाने के रिलीज होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इसे मोदी सरकार पर तंज कसने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा. इसे 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नारे ‘अच्छे दिन आएंगे’ से जोड़ा जाने लगा.
फिल्म की रिलीज से चंद दिन पहले गाने का दूसरा वर्शन रिलीज किया गया. इसके बोल हैं- ‘मेरे अच्छे दिन हैं आए रे.’ गाने का दूसरा वर्शन आने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे आरोप लगाए जाने लगे कि दबाव में गाने के बोल बदले गए हैं. हालांकि फिल्म के निर्देशक अतुल मांजरेकर साफ कर चुके हैं कि दूसरा वर्शन पहले से ही फिल्म में था इसलिए ये कहना बिल्कुल गलत है कि दबाव में गाने के बोल बदले गए.
‘मेरे अच्छे दिन कब आएंगे’ वाला वर्शन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को इतना पसंद आया कि उन्होंने ट्विटर पर गाने का लिंक देते हुए चुटकी लेते हुए ये तक लिख दिया- ‘2019 के चुनाव का भाजपा का यह Theme Song होना चाहिए’.
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दिग्विजय सियासत के फन में माहिर हैं इसलिए राजनीतिक विरोधियों को घेरने का कोई मौका नहीं चूकते. उन्होंने ‘फन्ने खां’ के गाने का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा वहीं एक कदम बढ़ाते हुए कहा कि एक समाचार पत्र में पढ़ा है कि गाने के बोल बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है.
पहले यह था गाना.दिग्विजय ने ‘आजतक’ से बातचीत में आरोप के लहजे में कहा कि क्या हिटलरशाही या दादागिरी है जो सरकार गाने के बोल बदलवाकर ‘अच्छे दिन हैं आए रे’ कराना चाहती है.
‘आजतक’ ने जब दिग्विजय से सवाल किया कि यूपीए सरकार के सत्ता में होने पर आमिर खान की प्रोड्यूस की गई फिल्म ‘पीपली लाइव’ के गाने ‘महंगाई डायन खाये जात है’ को लेकर तत्कालीन विपक्ष ने खूब भुनाया, तो क्या वो बदला ले रहे हैं? इस पर दिग्विजय ने कहा, ‘हमने तो गाने के बोल बदलने का दबाव नहीं डाला. यही कांग्रेस और बीजेपी में फर्क है. फिर भी अतीत में इन लोगों ने क्या क्या किया, ये सबको मालूम है, पर मैं तो भविष्य पर बात कर रहा हूं.’
बाद में यह किया गया.
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दिग्विजय सिंह ने जो कहा, उस पर बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने पलटवार में कहा, ‘देश के लिए तो अच्छे दिन लगातार आ रहे हैं. देश की जनता खुश है. लेकिन कांग्रेस और दिग्विजय सिंह के लिए अच्छे दिन नहीं आने वाले हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस चौथी बार हारने जा रही है. 2019 में कांग्रेस को 44 सीट भी नहीं मिलेंगी और ये इतिहास में अपनी सबसे कम सीटें हासिल करेगी.’
बीजेपी प्रवक्ता ने दिग्विजय के बयान पर कहा, ‘ये कोई तंज नहीं बल्कि वे अपनी बौखलाहट और दशा को देश के सामने रख रहे हैं. कांग्रेस जिस राज्य में है वहां भी हारने जा रही है. कांग्रेस के लिए अच्छे दिन अब कभी नहीं आने वाले हैं. लोकसभा में कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद भी अब बहुत समय तक नहीं मिलने वाला है.’