
हरियाणा सरकार किसानों के कल्याण के लिए संकल्पित होने का दावा करती है. लेकिन अब इन दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है. दरअसल, राज्य में बैंक का लोन नहीं चुका पाने के कारण एक किसान ने आत्महत्या कर ली है.
घटना रेवाड़ी की है, जहां बैंक का लोन नहीं चुका पाने के कारण कोर्ट के आदेश पर किसान की पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पत्नी की गिरफ्तारी से किसान पति काफी परेशान हो गया और उसने फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली.
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घटना के बाद तहसीलदार के फोन करने के बावजूद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची. आखिर में पुलिस जिप्सी में किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि गुरुवार को बैंक में रुपये जमा करवाने थे, लेकिन उससे पहले ही ये घटना हो गई. वहीं ग्रामीणों में भी पुलिस के लिए काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है.
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हालांकि मामले को लेकर जब पुलिस अधिकारी से बात करनी चाही गई तो वो मौके पर मीडिया के कैमरों से बचते रहे. दूसरी तरफ घटना पर तहसीलदार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
आय दोगुनी करने का वादा
रेवाड़ी में किसान के साथ ऐसे हादसे से न सिर्फ हरियाणा की खट्टर सरकार बल्कि केंद्र की मोदी सरकार भी सवालों के घेरे में है. किसानों को सरकार अपना मुख्य एजेंडा बताती आई है और उनकी आय दोगुनी करने का वादा इस बार के बजट में भी किया गया है. बावजूद इसके किसी किसान के साथ ऐसी भीवत्स घटना से सरकार की योजनाओं पर सवाल उठ रहे हैं.