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कांग्रेस ने MSP बढ़ाने के फैसले को बताया राजनीतिक लॉलीपॉप

सरकार ने धान का एमएसपी 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया. इससे सरकारी खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बोझ आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबंधित समिति ने आज 14 खरीफ फसलों के एमएसपी के प्रस्तावों को मंजूरी दी.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

कांग्रेस ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की सरकार की घोषणा को जुमलावाणी और राजनीतिक लॉलीपॉप करार देते हुए कहा कि पिछले चार साल में किसानों की हालात बहुत ज्यादा खराब हुई है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह ऊंट के मुंह में जीरा है, वादा था कि लागत+50 समर्थन मूल्य देंगे लेकिन अब जुमला गढ़ कर धोखा दिया जा रहा है.

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सुरजेवाला ने कहा, ‘मई, 2014 में जुमलावाणी कर मोदी जी ने देश के अन्नदाता किसान का समर्थन तो हासिल कर लिया, पर चार साल से फसलों पर MSP की बिसात पर कभी खरे नहीं उतरे. अब हार की कगार पर खड़ी मोदी सरकार एक बार फिर राजनैतिक लॉलीपॉप के नए जुमले गढ़ रही है.’

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कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ‘सच तो यह है कि किसान को 49 महीने में न समर्थन मूल्य मिला, न मेहनत की कीमत. न कर्ज से मुक्ति मिली, न अथक परिश्रम का सम्मान. न खाद/कीटनाशक दवाई/बिजली/डीज़ल की कीमतें कम हुईं और न ही हुआ फसल के बाजार भावों का इंतजाम. किसान कह रहा है कि सिर्फ जुमलों और कोरी झूठ से पेट नहीं भर सकता.’

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दरअसल, सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आज 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया. इससे सरकारी खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बोझ आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबंधित समिति ने आज 14 खरीफ फसलों के एमएसपी के प्रस्तावों को मंजूरी दी.

सरकार ने यह फैसला ऐसे समय लिया है जबकि कृषि उपजों के दाम गिरने से किसान परेशान हैं और आम चुनाव एक साल के अंदर होने वाले हैं. यही वजह है कि 4 साल बाद लिए गए इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.

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