
फर्रुखाबाद में नाबालिग बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम के एनकाउंटर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है. सीएम योगी ने कहा है कि फर्रुखाबाद में सभी बच्चे सुरक्षित बच गए. दरिंदे को वही सजा मिली, जिसका वह हकदार था.
फर्रुखाबाद मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी चिंतित थे. दरअसल गुरुवार की रात लगभग आठ घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 23 बच्चों को छुड़ा लिया गया था. इस एनकाउंटर में बंधक बनाने वाला सुभाष बाथम मुठभेड़ में ढेर हो गया था. जबकि उसकी पत्नी की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम की पुलिस द्वारा हुई क्रॉस फायरिंग में मौत के बाद बच्चों को बचाने का ऑपरेशन खत्म हो गया. वहीं दूसरी ओर अपराधी की पत्नी रूबी जो इस दौरान बुरी तहर घायल थी, अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई. कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि घायल महिला को बचाने का प्रयास किया गया. उसे फौरन इलाज के लिए भेजा गया, लेकिन अस्पताल में उसकी मौत हो गई. पोस्टमॉर्टम से साफ होगा कि महिला की मौत कैसे हुई है.
बंधक बनाए गए बच्चों को मुक्त कराने के लिए चलाए गए ऑपरेशन का नेतृत्व मोहित अग्रवाल ने किया. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि टीम को 10 लाख रुपये का इनाम देने का फैसला किया गया है.
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मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-ईटावा हाईवे स्थित गांव करथिया में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे को पुलिस ने नौ घंटे बाद मुठभेड़ में मार गिराया और बेसमेंट में कैद किए गए सभी बच्चे सकुशल रात एक बजे निकाल लिए गए. डीजीपी ओपी सिंह ने सिरफिरे के मुठभेड़ में मार गिराने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि कानपुर आइजी मोहित अग्रवाल की अगुवाई वाली पुलिस टीम पर उसने हमला बोला. बम से उड़ाने की धमकी दी थी. जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तलब कर बच्चों को सकुशल मुक्त कराने और सिरफिरे को गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
सूत्रों ने बताया कि सुभाष बाथम (40) अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका है. घर में चोरी करने की शिकायत पर उसने साल 2001 में मौसा की हत्या कर दी थी. 2005 में उसे उम्रकैद हुई. 10 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई. करीब तीन महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया. वहां से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा. खुद को फंसाने के शक में उसने पुलिस व ग्रामीणों से बदला लेने की योजना बनाई और इस घटना को अंजाम दिया.
(IANS के इनपुट के साथ)