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साउथ इंडियन फिल्मों और 'कोलावरी डी' के बाद 'रांझणा' फिल्म से सिनेमा की दुनिया में अपनी चमक बिखेरने वाले धनुष का आज बर्थ डे है.
दक्षिण भारत में तो धनुष फेमस थे ही लेकिन बॉलीवुड की 'रांझणा' करने के बाद हिंदी ऑडियंस ने भी उन्हें काफी पसंद किया. आज (28 जुलाई) को इस शानदार एक्टर का जन्मदिन है. धनुष बताते हैं, 'जब भी कोई एक्टर घर आता था तो मैं खुद को कमरे में बंद कर लेता था.' लेकिन इसके बाद वह कैसे अचानक अभिनय के लिए राजी हो गए और कब दर्शकों के दिलों पर राज कर बैठे. आइए जानते हैं धनुष से जुड़े ऐसे ही कुछ दिलचस्प पहलुओं को:
1. धनुष की वैनिटी वैन को देखकर आपको अंदाजा हो जाएगा कि इनमें दिखावा बिल्कुल भी नहीं है. छोटी-सी काली वैन में मामूली ड्रेसर, बालों और मेक-अप के कुछ ब्रश और फ्लैट स्क्रीन टीवी ही आपको दिखेंगे.
2. बॉलीवुड से धनुष का पहला परिचय 2011 में हुआ, जब उनका गाना 'व्हाइ दिस कोलावरी डी?' रातोरात लोकप्रिय हो गया. उन्होंने बताया कि लोग मुझे इस गीत से जोड़ने लगे, उन्हें यह नहीं मालूम था कि मैं एक एक्टर था. धनुष ने उनकी राय बदलने की कोशिश भी नहीं की. नवंबर 2011 में रिलीज हुआ यह गीत चोट खाए आशिकों की चाहत बन गया.
3. 'आदुकलम' फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड से भी धनुष वह लोकप्रियता नहीं मिल पाई थी, जो 'कोलावरी' गाने की वजह से मिल गई. धनुष कहते हैं कि अब वो इस गाने से बोर हो गए हैं. वे कहते हैं, ‘मैंने कितने समय से इसे नहीं सुना है, जब लोग बजाते हैं, तो मैं भाग जाता हूं.’
4. धनुष को पहले एक्टिंग में दिलचस्पी नहीं थी. वो कहते हैं, ‘मेरे पिता कस्तूरी राजा डायरेक्टर थे. जब भी कोई एक्टर घर आता था तो मैं खुद को कमरे में बंद कर लेता था.’ बाद में उनके पिता और भाई ने उन्हें 'तुलूवधो इलामई' में अभिनय के लिए राजी किया.
5. धनुष ने 2003 में अपने भाई की फिल्म 'कदाल कोंदेन' में अभिनय किया, जिसमें उन्होंने प्रेम में डूबे एक मानसिक रूप से परेशान नौजवान का किरदार निभाया. फिल्म हिट हो गई और धनुष समझ गए कि एक्टिंग ही उनकी जिंदगी है. उन्होंने कहा, ‘अब मैं जान गया था कि मैं और कुछ नहीं कर सकता.’
6. जब धनुष की फिल्मों के फ्लॉप होने का दौर आया तब उन्होंने बताया, ‘जब मैं इंडस्ट्री में आया तो लोगों ने कहा कि मेरा चेहरा इस लायक नहीं है,
लेकिन मेरा मानना था कि प्रतिभा और आत्मविश्वास से ज्यादा खूबसूरत कुछ और नहीं होता.’
7. धनुष ने अपने आम आदमी के चेहरे के बूते पर एक से एक उम्दा किरदार वाले रोल पाए. उनकी फिल्में देखने से पता चलता है कि उन्हें एक सांचे में
नहीं ढाला जा सकता. उन्होंने साइकोपैथ, गैंगस्टर, मानसिक रोग के शिकार प्रेमी और स्कूल छोड़ चुके लड़के के किरदार निभाए हैं. वे बॉलीवुड में भी इसी
रास्ते पर चलना चाहते हैं.
8. धनुष राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित सबसे कम उम्र के एक्टर हैं.