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फिल्म का नाम: एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी
डायरेक्टर: नीरज पांडे
स्टार कास्ट: सुशांत सिंह राजपूत, अनुपम खेर, कियारा आडवाणी, दिशा पटानी, राजेश शर्मा, भूमिका चावला
अवधि: 3 घंटा 10 मिनट
सर्टिफिकेट: U
रेटिंग: 3.5 स्टार
'बेबी', 'स्पेशल छब्बीस', 'अ वेडनेसडे' जैसी सराहनीय फिल्में देने वाले डायरेक्टर नीरज पांडे अबकी बार विश्व के महान क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी
की जिंदगी पर आधारित फिल्म लेकर आए हैं. साथ में हैं सुशांत सिंह राजपूत. अब सवाल ये है कि क्या अक्षय कुमार के बगैर भी नीरज उम्दा फिल्म बना सकते हैं?
माही की शुरुआत की कहानी
फिल्म की कहानी रांची शहर से शुरू होती है जहां पान सिंह धोनी (अनुपम खेर) के घर माही उर्फ माही (महेंद्र सिंह धोनी) का जन्म होता
है. बच्चा क्रिकेट का शौकीन और घर वालों की इच्छा है कि माही की रेलवे में गवर्नमेंट जॉब लग जाए. वही आपके और हमारे घर के हालात, जिससे फिल्म रियलिस्टिक लगती है.
लेकिन एक ऑफर माही और इस फिल्म की दिशा बदल देता है. रांची से माही का दिल्ली तक का सफर, उसके बाद माही की लाइफ में गर्लफ्रेंड (दिशा पटानी) की एंट्री और खूब सारे ट्विस्ट
दिलचस्प अंदाज में पिरोए गए हैं. फिल्म में माही के करियर को दिखाया है और इसे एंड किया है साक्षी (कियारा आडवाणी) संग उनकी शादी से लेकर 2011 के वर्ल्ड कप जीतने के सीक्वेंस पर .
5 पॉइंट्स जो फिल्म के साथ आप सोचेंगे :
1. धोनी की क्रिकेट लाइफ से तो आप वाकिफ होंगे लेकिन ग्राउंड के बाहर किस तरह एक क्रिकेटर की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, इसका पता
आपको फिल्म देखकर लग जाएगा. यह एक ऐसी कहानी है जिससे किसी भी वर्ग के लोग खुद को कनेक्ट कर पाएंगे. हालांकि डायरेक्टर ने धोनी का नाम बड़ा होने के पीछे की इन घटनाओं को काफी हल्के से प्रस्तुत किया है.
धोनी युवराज की पहली मुलाकात, टीम सेलेक्शन जैसी कई चीजों को फिल्म ने अलग पहलू से दिखाया है.
2. नीरज पांडे की फिल्मों में अनुपम खेर जरूर नजर आते हैं, जिन्होंने इस बार भी अच्छा रोल किया है. उसके साथ-साथ सुशांत सिंह राजपूत की
मेहनत पर्दे पर साफ झलकती है. 'काई पो चे' के बाद एक बार फिर वह क्रिकेट के साथ सहज रहे हैं. दिशा पटानी, कियारा आडवाणी, राजेश शर्मा, कुमुद मिश्रा, भूमिका चावला की मौजूदगी से पता चलता है की फिल्म की
कास्टिंग करेक्ट है और नीरज ने हमेशा की तरह इन पर काफी काम किया है.
3 . फिल्म में क्रिकेट की बजाय रोमांस हावी है.साक्षी से पहले धोनी की जिंदगी
में प्रियंका की जगह थी, इसे दिखाने में निर्देशक ने कोई भी कमी नहीं छोड़ी
है,
अक्सर कई बायोपिक्स में देखा जाता है की बहुत सारी पर्सनल बातों को पूरी
तरह से नहीं दिखाया जाता है, लेकिन इस फिल्म में ऐसा नहीं है, धोनी की
पर्सनल लाइफ के बहुत से पहलुओं को बारीकी से दिखाया गया है. क्रिकेट बोर्ड
की चयन समिति और कुछ कॉन्ट्रोवर्शियल खबरों जैसे धोनी-वीरू विवाद के
बारे में भी कुछ खुलासे किए गए हैं.
4. सिनेमैटोग्राफी, लोकेशंस आपको कहानी के साथ-साथ बांधे रखते हैं और कैमरा वर्क भी लाजवाब है, जो विजुअल से आपका ध्यान हटने नहीं देता.
साथ ही जिस तरह से ग्राफिक्स के माध्यम से हर बार धोनी के चेहरे पर सुशांत का चेहरा फिट किया गया है, वो काफी नेचुरल लगता है.
5. रिलीज से पहले ही फिल्म का म्यूजिक दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा है और फिल्म देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि
म्यूजिक फिल्म की कहानी को पूरी तरह से सपोर्ट करता है. खास तौर से गाना 'बेसब्रियां' जिसकी फील पूरी फिल्म के दौरान आप महसूस कर सकते हैं.
लंबाई कर सकती है बोर...
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी लेंथ है, कभी-कभी गानों की लंबाई भी तंग करने लगती है, जिन्हें एडिट किया जाता तो फिल्म क्रिस्प
लगती. तीन घंटे और दस मिनट की फिल्म के लिए हॉल में बैठना भी थोड़ा परेशान करता है.
बॉक्स ऑफिस
वैसे तो फॉक्स स्टार स्टूडियोज की तरफ से लगभग 4500 स्क्रीन्स में यह फिल्म रिलीज की जाने वाली है, वही हिंदी के अलावा मेकर्स इसे तमिल, मराठी
और तेलुगु भाषाओं में भी रिलीज कर रहे हैं जिसकी वजह से ट्रेड पंडितों के मुताबिक इस फिल्म को बम्पर ओपनिंग लेने से कोई नहीं रोक सकता और
तगड़ा वीकेंड कलेक्शन हो सकता है.
अब देखते हैं कि फील्ड के ये तेज-तर्रार स्टार बॉक्स आॅफिस का 100 करोड़ का 'मास्टरस्ट्रोक' लगा पाते हैं या नहीं...