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मुलायम और अखिलेश का फाइनल शो डाउन: दिल थाम कर बैठिए

लखनऊ की सियासत में गुरवार देर सर्द रात में उबाल आया तो समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच फाइनल शो-डाउन भी तय हो गया. टिकट बंटवारे पर पिता-पुत्र खुलकर आमने-सामने आ गए अब देखना है कि इस जंग में कौन किसको पटखनी देता है.

पापा मुलायम के सामने बेटा अखिलेश बेबस पापा मुलायम के सामने बेटा अखिलेश बेबस
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 30 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:19 AM IST

लखनऊ की सियासत में गुरवार देर सर्द रात में उबाल आया तो समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच फाइनल शो-डाउन भी तय हो गया. टिकट बंटवारे पर पिता-पुत्र खुलकर आमने-सामने आ गए अब देखना है कि इस जंग में कौन किसको पटखनी देता है.

अखिलेश की लिस्ट के बाद शिवपाल यादव ने भी जवाबी कार्रवाई में देर रात बाकी बची 78 में से 68 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया. जैसे जैसे घड़ी की सुई रात 12 बजे की ओर बढ़ रही थी लखनऊ के सबसे वीआईपी इलाके कालिदास मार्ग पर घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था. एक दिन में शिवपाल तीसरी बार मुलायम के घर में पंहुचे थे. अमूमन नेताजी यानि मुलायम सिंह इस वक्त तक सो जाते हैं लेकिन वो जाग रहे थे और उस लिस्ट को अंतिम रूप दे रहे थे जिसे उन्हें अपने बेटे के जवाब के रूप में सामने लाना था.

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कुछ ओबी वैन मुलायम के घर तन चुके थे और कुछ पत्रकार उनके घर के आगे इस सर्द रात में इसलिए चहलकदमी कर रहे थे ताकि ये पता चल सके कि आखिर शिवपाल और मुलायम , अखिलेश के खिलाफ अब कौन सा हथियार इस्तेमाल करेंगे तभी शिवपाल के करीबी लोगों के फोन पत्रकारों को आने लगे और ये बताया गया कि जल्द ही शिवपाल बचे 78 लोगों की लिस्ट जारी करेंगे आप लोग शिवपाल यादव के ट्विटर हैंडल पर नज़र बनाये रखें.

जब 12 बजने में कुछ मिनट बाकी थे कि शिवपाल यादव की ट्विटर हैंडल पर 78 में से 68 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान हो गया. इस ऐलान के साथ ही ये तय हो गया कि मुलायम सिंह यादव भी अब बेटे के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं और अब सीधी लड़ाई के लिए तैयार हैं. मुलायम सिंह अब तक 393 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुके हैं तो अखिलेश ने भी 233 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं.

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अब तक सामने आई लिस्ट में करीब 80 फीसदी ऐसे नाम हैं जो दोनों ही लिस्ट में कॉमन हैं लेकिन अपने समर्थकों के नाम को लेकर अखिलेश इतना आगे तक चले जायेंगे इसका अंदाज़ा शायद नेताजी तक को नहीं था. लेकिन अब कोई पीछे हटने को तैयार नहीं साफ़ है पार्टी टूटे न टूटे अखिलेश और मुलायन खेमा अब अलग हो चुका है अब आगे दोनों कैसे बढ़ेंगे इस पर कयासों का दौर जारी है.

साफ़ है अब लड़ाई में पार्टी अलग है और मुख्यमंत्री अखिलेश अलग, दोनों के उम्मीदवार अब सामने आ चुके हैं अब न तो अखिलेश यादव पीछे हटते दिख रहे हैं ना ही शिवपाल यादव. अब बाप-बेटे के बीच सियासत की दीवार इतनी ऊंची हो गई है कि वो शायद ही कभी पट पाये.

इधर पार्टी की उस लड़ाई में अब तमाम नज़रे अखिलेश यादव पर इसलिए टिक गई हैं कि आखिर अखिलेश अब क्या फैसला लेंगे. कई तरह के कयास लगने भी शुरू हो गए हैं कि क्या अखिलेश चुनाव के ऐलान के पहले विधानसभा भंग करने की सिफारिश तो नहीं कर देंगे. भले ही ये औपचारिकता मात्र हो लेकिन ये अखिलेश के लिए तुरुप का पत्ता है और अगर ये हुआ तो पिता और पुत्र की जंग इतिहास में दर्ज हो जायेगी.

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