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हैदराबाद: कोरोना से हुई थी मरीज की मौत, निगरानी में रखे गए संपर्क में आए 34 लोग

परिजनों को सुझाव दिए जाने के बावजूद उन्होंने मरीज को घर ले जाने की जिद की और चले गए. हालांकि उन्हें बता दिया गया था कि मरीज पर जानलेवा खतरा है. अस्पताल से मरीज के जाने के बाद तत्काल इसकी सूचना चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) को दी गई.

देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है (फाइल फोटो-PTI) देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है (फाइल फोटो-PTI)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद,
  • 14 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST

  • मरीज के संपर्क में 34 लोगों के आने की सूचना
  • सभी लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया

कोरोना वायरस से कर्नाटक और दिल्ली में दो लोगों की मौत हो गई है. कर्नाटक का मामला भारत में कोरोना वायरस से मौत का पहला मामला था. यह घटना कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई थी. मृतक की उम्र 76 साल बताई जा रही है. मरीज सऊदी अरब से लौटा था. 29 फरवरी को वह हैदराबाद पहुंचा और सीधे कर्नाटक के कलबुर्गी गया था. बाद में उसे सांस लेने में परेशानी, खांसी और निमोनिया की शिकायत हुई. बाद में उसकी मौत हो गई. इस घटना पर कर्नाटक सरकार और उस अस्पताल का बयान सामने आया है जहां मरीज इलाज के लिए गया था.

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अरब से लौटा था शख्स

मरीज की मौत पर तेलंगाना स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा, मोहम्मद सिद्दीकी (76) कोविड-19 से संक्रमित थे और हॉस्पिटल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई. सिद्दीकी के संपर्क में 34 लोगों के आने की सूचना है जिन्हें घर के अंदर ही अलग-थलग (आईसोलेशन) रखा गया है. संपर्क में आए सभी लोगों की हालत स्थिर है और उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. इससे पहले कर्नाटक सरकार के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश शास्त्री ने कहा था कि मृतक व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण था. यह शख्स 29 जनवरी से 29 फरवरी तक सऊदी अरब में धार्मिक यात्रा पर था. 29 फरवरी को वह हैदराबाद पहुंचा और सीधे कर्नाटक के कलबुर्गी गया था. बाद में उसे सांस लेने में परेशानी, खांसी और निमोनिया की शिकायत हुई.

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जबरन मरीज को घर ले गए परिजन

मरीज की मौत पर केयर अस्पताल का बयान भी आया है. मरीज 9 मार्च को बंजारा हिल्स स्थित इस अस्पताल में पहुंचा था. उस वक्त मरीज को बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी. अस्पताल के बयान में कहा गया है कि मरीज पहले हैदराबाद के 3 अस्पतालों का दौरा कर चुका था और बाद में उसे केयर अस्पताल में दाखिल कराया गया. अस्पताल ने कहा, वह (मरीज) आपातकालीन विभाग में आया था और आगे इनफेक्शन फैलने से रोकने के लिए उसे अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार निगेटिव एयर प्रेशर और HEPA एयर फिल्टर से लैस आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. आइसोलेशन रूम में ही मरीज का इलाज शुरू कर दिया गया.

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मरीज की हालत के बारे में उसके परिजनों को बताया गया और कहा गया कि उसे क्रिटिकल केयर आइसोलेशन यूनिट में रखने की जरूरत पड़ेगी. परिजनों को सुझाव दिए जाने के बावजूद उन्होंने मरीज को घर ले जाने की जिद की और चले गए. हालांकि उन्हें बता दिया गया था कि मरीज पर जानलेवा खतरा है. अस्पताल से मरीज के जाने के बाद तत्काल इसकी सूचना चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) को दी गई. जो भी निर्धारित दिशा-निर्देश हैं, उसके मुताबिक एहतियाती कदम उठाए गए और संदिग्ध मरीजों के साथ आगे भी ऐसा ही किया जा रहा है.

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रिपोर्ट आने का इंतजार

आंध्र प्रदेश में स्वास्थ्य अधिकारी कोरोनो वायरस के संदिग्ध लक्षणों वाले सात लोगों की टेस्ट रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमित निकले एकमात्र मरीज का नेल्लोर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. हाल ही में इटली से लौटे एक युवक का तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एसवीआईएमएस) में वायरोलॉजी लैब में किए गए प्रारंभिक परीक्षण में रिपोर्ट पॉजिटिव आया. यह राज्य में रिपोर्ट किया गया कोरोना वायरस का पहला मामला है.

छह मार्च को इटली से नेल्लोर लौटे युवक ने कोविड-19 के संदिग्ध लक्षणों के साथ सरकारी अस्पताल से संपर्क किया. डॉक्टरों ने कहा कि युवक की हालत स्थिर है और उसकीतबीयत सामान्य है. अधिकारियों ने युवक के सपंर्क में आए पांच लोगों को अस्पताल लाकर क्वारंटीन में रखा. उनके नमूने कोविड-19 टेस्ट के लिए भेजे गए हैं.

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