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भारत में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस के इस साल जुलाई में एयरफोर्स के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है. तेजस के निर्माण में 33 साल लगे हैं. पहली बार तेजस ने साल 2001 में उड़ान भरी थी.
वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरुप राहा ने मंगलवार को बंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एयरपोर्ट से तेजस के टेस्ट के लिए उड़ान भरी और 30 मिनट तक तेजस को उड़ाया. तेजस में उड़ान भरने वाले वह भारतीय वायुसेना के पहले चीफ हैं.
एयरफोर्स ने सुझाए हैं 40 बदलाव
भारतीय वायुसेना के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड तेजस का निर्माण कर रही है. कंपनी साल 2018 तक एयरफोर्स को 20 तेजस विमान देगी और उसके बाद 2026 तक बाकी 100 विमानों की सप्लाई करेगी. ये 100 विमान स्टैंडर्ड होंगे और उनमें स्पेशल मार्किंग होगी. स्टैंडर्ड विमानों में वायुसेना की मांग के आधार पर करीब 40 बदलाव किए जाने हैं. स्टैंडर्ड विमानों की कीमत 275 से 300 करोड़ होगी.