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पश्चिम बंगाल में सोमवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान डाले जाएंगे. 18 सीटों पर ये वोटिंग की जाएगी. बंगाल में छह चरणों में चुनाव होंगे. वोटिंग से पहले पश्चिम बंगाल में अब तक 8.05 करोड़ रूपये जब्त किए गए हैं.
इस बारे के चुनावों में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा बना हुआ है. स्वतंत्रता के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि यहां यह मुद्दा चुनाव अभियान के केन्द्र में है.
भ्रष्टाचार चुनावी मुद्दा
तृणमूल कांग्रेस शासित बंगाल में ‘लोकतंत्र की बहाली’ के अलावा कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन ने शारदा घोटाले और नारद स्टिंग ऑपरेशन के रूप में भ्रष्टाचार को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है. गौरतलब है कि शारदा घोटाले में लाखों निवेशकों के रूपये डूब गये थे जबकि नारद स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के कुछ नेताओं को घूस लेते हुए दिखाया गया है.
सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप
सीपीएम के राज्य सचिव सूर्य कांत मिश्रा ने कहा, ‘इससे पहले इस तरह की भ्रष्ट सरकार सत्ता में नहीं आई थी. आपातकाल के दौरान हमने लोकतंत्र की बहाली और लोकतांत्रिक अधिकारों के मुद्दे पर सिद्धार्थ शंकर रे की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. लेकिन सत्तारूढ़ टीएमसी के नेताओं द्वारा जिस बड़े पैमान पर भ्रष्ट आचरण किया जा रहा है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.’
घोटाले में गिरफ्तार हुए मंत्री
शारदा घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद जेल में बंद राज्य के पूर्व खेल मंत्री मदन मित्रा का हवाला देते हुये मिश्रा ने कहा, ‘शारदा घोटाले से नारद स्टिंग ऑपरेशन तक इस चुनाव में भ्रष्टाचार एक मुख्य मुद्दा है. लोकतंत्र की बहाली, बेरोजगारी भी वहां है लेकिन भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि बंगाल के लोग भ्रष्ट सरकार से तंग आ गए हैं.