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J-K: बडगाम में हुई पत्थरबाजी में तमिलनाडु के टूरिस्ट की मौत

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में पत्थरबाजों ने स्कूल के बच्चों को अपना शिकार बनाया था. दरअसल, श्रीनगर से क़रीब 60 किलोमीटर दूर शोपियां के जावूरा गांव के क़रीब रेनबो इंटरनेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की बस पर कुछ पत्थरबाज़ों ने कथित तौर पर पथराव किया. जिसमें कुछ छात्र घायल भी हुए थे.

फाइल फोटो. फाइल फोटो.
आदित्य बिड़वई
  • श्रीनगर ,
  • 08 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

श्रीनगर में पत्थरबाजी आए दिन होती है. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टूरिस्ट की मौत पत्थरबाजी की चपेट में आकर हुई. मृतक का नाम आर थिरुमणि (22) है. वे चेन्नई के रहने वाले थे.

बताया जा रहा है कि हादसा सोमवार सुबह बडगाम के नरबल इलाके में हुआ. गुलमर्ग जा रहे एक पर्यटक वाहन पर अचानक कुछ लोगों ने पत्थर बरसाए. इसी दौरान उनके सिर में पत्थर जा लगा.

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उन्हें सुरक्षा बल ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया, लेकिन उनकी मौत हो गई. फिलहाल पुलिस ने अज्ञात पत्थरबाजों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

मृतक के परिजनों से मिलीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

घटना के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अस्पताल जाकर मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद है, मेरा सिर शर्म से झुक गया है. उधर, घटना पर पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने दुख जताते हुए पत्थरबाजों पर गुस्सा निकाला है.

उन्होंने कहा, 'हमने एक पर्यटक के वाहन पर पत्थर फेंका जिसमें वह जा रहा था और उसकी मौत हो गई. हमने एक मेहमान को पत्थर मारे जिससे उसकी मौत हो गई.'

शोपियां में स्कूल बस पर पत्थरबाजों ने किया था हमला...

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में पत्थरबाजों ने स्कूल के बच्चों को अपना शिकार बनाया था. दरअसल, श्रीनगर से क़रीब 60 किलोमीटर दूर शोपियां के जावूरा गांव के क़रीब रेनबो इंटरनेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की बस पर कुछ पत्थरबाज़ों ने कथित तौर पर पथराव किया. जिसमें कुछ छात्र घायल भी हुए थे.

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इस घटना पर भी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा कि, 'शोपियां में स्कूली बस पर हमले की घटना के बारे में जानकर हैरान हो रही है. गुस्सा भी आ रहा है. इस तरह का कुकृत्य करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.'

3685 से ज्यादा पत्थरबाजों पर केस किये थे खत्म...

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 4500 से ज्यादा युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज थे. जो पहली बार पत्थरबाजी की घटना में शामिल थे. जिसके बाद इसी साल जनवरी में महबूब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर पहली बार पत्थरबाजी की घटना में शामिल रहे 3685 युवाओं पर दर्ज मामलों को खत्म करने का फैसला लिया था. एक तरह से युवाओं को एक और मौका दिया गया था.

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