
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाड में सावित्री नदी का पुल गिरने से हुई दुर्घटना के बाद सावित्री नदी की मछलियों को खरीदार नहीं मिल रहे. लोगों की ऐसी धारणा बन गई की इन मछलियों ने इस नदी में डूबी हुई लाशों का मांस खाया होगा, इसलिए उन्होंने मांस खाना ही बंद कर दिया.
मछुआरों का व्यवसाय ठप
पिछले महीने सावित्री नदी का पुल गिरने से हुई दुर्घटना में 2 एसटी बस और एक टवेरा गाड़ी बह गई थी. इस दुर्घटना में 40 लोगों की मौत हुई थी. डूबे हुए लोगों में से 27 लोगों की लाशें मिल गई तो कुछ लोगों की नहीं. मिली हुई लाशें काफी छिन्न-बिन्न अवस्था में थीं. नदी में मछलियों ने और दूसरे जीव-जंतुओं ने इन लाशों को खाया होगा ऐसा स्थानिक लोगों का मानना है, इसलिए इस नदी की मछलियों को खरीदने के लिए लोग कतरा रहे हैं. इसी कारण सावित्री नदी से मछलियां पकड़ने वालों का व्यवसाय ठप हो गया है.
महाड़ के स्थानीय लोग जो मच्छी बाजार में मछलियां खरीदने आते हैं, उनके मुताबिक लोगों का नदी की मछलियां खाना कम हो गया है. महाड़ फिश मार्किट के दुकानदारों का कहना है कि लोगो के मन में धारणा हो गई है कि दुर्घटनाग्रस्त लोगों का मास इन मच्छलियों ने खाया है, इसलिए ये अशुभ है.
'अंधश्रद्धा का मामला'
वहीं अलीबाग कलेक्टर कचेरी के एसडीओ सुषमा सातपुते ने 'आज तक' से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि उनके मुताबिक ये अंधश्रद्धा का मामला है. हां अगर किसी मछुवारे ने लिखित शिकायत दर्ज करवाई तो शिकायत के बारे में स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन और फिशरी विभाग से इस बारे में स्पष्टीकरण लेकर लोगों की गलत फहमी दूर करने का प्रयास किया जाएगा.