
भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर आज तक से बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह सही टाइम पर बेहतरीन सर्जिकल स्ट्राइक किया गया. जानिए उन्होंने और क्या कहा....
सवाल: क्या आपको लगता है कि इस मामले में सर्जिकल स्ट्राइक सबसे सटीक ऑपरेशन था?
जवाब: सेना ने कहा था कि ठीक टाइम पर, ठीक जगह पर जवाब देंगे. यह जरूरी था कि कारवाई तय किए गए ठिकाने पर हो देखिए कारवाई आतंकियों पर की गई. वह आतंकी जो घुसपैठ करना चाह रहे थे. लांच पैड
पर बैठे थे. यह बेहतरीन ऑपरेशन किया गया.
सवाल: सर्जिकल स्ट्राइक क्या होती है?
जवाब: जो टारगेट होता है उसको लेना होता है. कोइकोलेटरल डैमेज ना होने देना, नुकसान ना होने देना.
सवाल: सर्जिकल स्ट्राइक कौन से जवान करते हैं?
जवाब: हमारे पास स्पेशल फोर्स है जो ट्रेंड जवान है. यह दुनिया की सबसे बेहतरीन फोर्स मानी हुई है. जो वार करके, ठीक नुकसान करके वापस आते हैं.
सवाल: क्या खास तकनीक की जरूरत होती है?
जवाब: चट्टान जैसा मजबूत हौसला, फिजिकल फिटनेस, दिमागी लीडरशिप पर भरोसा, टीम पर भरोसा होने की जरूरत होती है. यह टीम वर्क के अंदर स्पेशल फोर्स तैयार की जाती है. एक परिवार होता है. एक दूसरे के
लिए मरने का जज्बा होता है. भाईचारा और दोस्ताना होता है. इसीलिए हमारी भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स बेहद बेहतरीन है. सबसे अहमियत रखने वाली बात यह है कि वह अपने साथी को पीछे छोड़ कर नहीं आएगा.
इसलिए कार्यवाई ऐसी होती है अगर वह रास्ते से भटक जाए, चोट लग जाए तो टीम उसको वापस लेकर ही आएगी.
सवाल: कितनी प्लानिंग की जरूरत होती है?
जवाब: प्लानिंग की जरूरत है. सर्जिकल स्ट्राइक के लिए जंग ए मैदान में कभी हम किसी ऑब्जेक्टिव पर जाते हैं तो क्या रूट होंगे? क्या रुकावटे आएंगी. उसके लिए क्या तैयारी की जाएगी और कहां से हमारे ऊपर
फायर आ सकता है. और क्या संभावनाएं हैं. रिजर्व फोर्स कितनी है. अगर कोई ऐसे हालात आ जाएंगे तो री-इंफोर्समेंट की जरूरत पड़े तो हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर सकते थे. तो यह प्लान हर फॉरमेशन में होते हैं. यह
उसी वक्त बनते हैं. यह फॉर्मेशन के अंदर तैयार होती है. इसकी लगातार ट्रेनिंग होती है. पर यहां पर स्पेशल फोर्स का इस्तेमाल किया उनको लगातार ट्रेनिंग दी गई होगी 6 दिन में तैयारी कर ली होगी.
सवाल: क्या लगातार RM ,NSA और आर्मी चीफ ने ऑपरेशन को देखा?
जवाब: मैंने किसी से बात नहीं की गोपनीयता होती है. बात करना ठीक नहीं हमारे पास तकनीक है रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं.
सवाल: क्या वीडियोग्राफी कर सकते हैं?
जवाब: सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान आजकल छोटे कैमरे आते हैं जो हेलमेट और कंधो पर फिट हो जाते हैं. यह तो तब जरूरत पड़ती है जब आपको दर्शाना हो कि आप की कार्यवाही सही है. वह दस्तूर दिखाने के लिए कि
आपकी दस्तूरी कार्रवाई थी इसलिए रिकॉर्डिंग जरूरी है. खासतौर से इस ऑपरेशन के लिए क्योंकि दूसरी तरफ से गलत इंफॉर्मेशन लगातार आ रही थी. उसको नकारने के लिए वीडियोग्राफी बेहद जरूरी है.
सवाल: क्या फर्क है, क्या पहले सर्जिकल स्ट्राइक हुई हैं?
जवाब: कार्रवाई हुई है. ऐसी पहले भी हुई है. पहले जो कार्रवाई होती थी तो मिलिट्री लीडरशिप अपनी निगरानी के अंदर करते थे. इस बार आप देखिए पॉलिटिकल बैकिंग है. जो बहुत जरूरी है. इस बार जैसे ही उरी का
हमला हुआ तो प्रधानमंत्री ने स्टेटमेंट दिया जिससे आर्मी का हौसला बढ़ा. पहले ऐसे होता रहा है कि मिलिट्री अपने आप कार्रवाई करती रही है. अंतर यह है यह जो लेवल है एक ऑपरेशन चार-पांच जगह करना और
पॉलिटिकल बैकिंग यह बेहद महत्वपूर्ण है. इससे सेना के मनोबल पर बहुत फर्क पड़ा है.
सवाल: PM की भूमिका और एनएसए का क्या रोल है?
जवाब: हर चीज जो शुरू होती है प्रधानमंत्री से शुरू होती है. उन्होंने काफी फॉर्म स्टेटमेंट दी. यह 10 साल पहले आ जाता तो पाकिस्तान काफी जिम्मेदार मुल्क होता है. चलिए देर आए दुरुस्त आए यह सिर्फ मिलिट्री की
कार्यवाही नहीं है बाकी पहलू का भी इस्तेमाल किया है. फिर चाहे वह डिप्लोमेटिक हो, साथ का बहिष्कार हो, वेस्ट एशिया से हमें सपोर्ट मिल रहा है. यूरोप और अमेरिका की तरफ से भी समर्थन मिला है. मैं तो कहूंगा
टॉप मोस्ट लीडरशिप में अच्छा वातावरण बनाया है. भारत का नाम ऊंचा करा गया है. कार्रवाई ने साफ कर दिया कि हमने आतंकियों पर कार्यवाई की है.
मैं इंडियन आर्मी और जो फैसला सरकार ने लिया उसके लिए मुबारकबाद देना चाहूंगा. एक मजबूत फैसला और मजबूत कदम उठाया गया है.