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पहले से ही बीमार PAK के पूर्व PM नवाज शरीफ को पड़ा दिल का दौरा, हालत नाजुक

डॉक्टरों का कहना है कि दिल का दौरा हल्का है. डॉक्टरों ने नवाज शरीफ का ईसीजी, कार्डियोग्राफी टेस्ट करवाया है. रिपोर्ट आने के बाद उनकी बीमारी का सही पता चल पाएगा.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की फाइल फोटो (ANI) पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की फाइल फोटो (ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 4:21 PM IST

  • नवाज शरीफ पहले से ही लाहौर के सर्विसेज अस्पताल में भर्ती हैं
  • डॉक्टरों ने नवाज शरीफ का ईसीजी, कार्डियोग्राफी टेस्ट कराया है

पहले से ही सेहत की समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दिल का दौरा पड़ा है. नवाज शरीफ पहले से ही लाहौर के सर्विसेज अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल में उन्हें दिल का दौरा पड़ा है. दिल का दौरा पड़ने के बाद डॉक्टरों ने उनपर निगरानी और भी बढ़ा दी है.

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डॉक्टरों का कहना है कि दिल का दौरा हल्का है. डॉक्टरों ने नवाज शरीफ का ईसीजी, कार्डियोग्राफी टेस्ट करवाया है. इसकी रिपोर्ट आने के बाद बीमारी का सही पता चल पाएगा. बता दें कि करप्शन केस में सजा काट रहे नवाज शरीफ पहले से ही गंभीर रूप से बीमार थे. उनका ब्लड प्लेटलेट काउंट गिरकर 12 हजार पहुंच गया था. नवाज शरीफ के डॉक्टर अदनान खान ने कहा है कि नवाज शरीफ की सेहत पर उनकी और उनकी टीम पर डॉक्टरों की लगातार नजर है. उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ की हालत नाजुक है और बीमारियों की वजह से उनकी जान पर बन आई है.

एक दिन पहले लाहौर हाईकोर्ट ने चौधरी शुगर मिल भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मेडिकल आधार पर जमानत दे दी. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने अपने भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की रिहाई के लिए जमानत अर्जी दायर की थी. नवाज फिलहाल राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत के साथ लाहौर के सर्विसेज अस्पताल में भर्ती हैं.

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नवाज शरीफ का इलाज कर रहे मेडिकल बोर्ड ने गुरुवार को कहा कि पीएमएल-एन के प्रमुख एक्यूट इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परप्यूरा (आईटीपी) से जूझ रहे हैं और उन्हें स्वस्थ होने में सप्ताह भर का समय लगेगा. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रपटों के मुताबिक, एक डॉक्टर ने कहा कि बीमारी की पुष्टि होने के बाद इलाज शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी का पाकिस्तान में इलाज संभव है और नसों के माध्यम (इंट्रावेनस) से इलाज शुरू हो गया है. (IANS से इनपुट)

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