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17 मई तक मुफ्त में करें ताज महल का दीदार, आगरे का लाल किला भी है तैयार

मुगल बादशाह शाहजहां के 360वें उर्स पर आपको ताज के दीदार का खास तोहफा मिलने वाला है. यह उर्स 15 से 17 मई तक आगरा में मनाया जाएगा. इस दौरान देशी-विदेशी पर्यटक मुफ्त में ताज महल का दीदार कर सकेंगे. इसके साथ ही मुख्य मकबरे के तहखाने में मौजूद शाहजहां और मुमताज की असली कब्र भी देख सकेंगे.

ताज महल ताज महल
aajtak.in
  • आगरा,
  • 15 मई 2015,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST

मुगल बादशाह शाहजहां के 360वें उर्स पर आपको ताज महल के दीदार का खास तोहफा मिलने वाला है. यह उर्स 15 से 17 मई तक आगरा में मनाया जाएगा. इस दौरान देशी-विदेशी पर्यटक मुफ्त में ताज महल का दीदार कर सकेंगे. इसके साथ ही मुख्य मकबरे के तहखाने में मौजूद शाहजहां और मुमताज की असली कब्र भी देख सकेंगे.

साल भर में ये कब्रें केवल उर्स के दौरान ही खोली जाती हैं. इस दौरान पर्यटकों को ताजमहल के तहखाने तक जाने की इजाजत दी जाती है. इसके साथ ही लाल किले को पर्यटकों के लिए विशेष रूप से सजाया गया है.

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शाहजहां के 360वें उर्स का प्रोग्राम
15 मई- इस दिन गुस्ल की रस्म होगी. मुख्य मकबरे में तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की कब्रें खोल दी जाएंगी.
16 मई- संदल की रस्म के साथ गुलपोशी होगी. फतेहा और कव्वालियां होंगी. दोपहर दो बजे से रस्म अदायगी के लिए असली मजारों को फिर से खोला जाएगा. दोनों की कब्र पर संदल-ए-केवड़ा गुलाब जल छिड़क कर गुलपोशी की जाएगी.
17 मई- अंतिम दिन चादरपोशी की रस्म होगी. 810 मीटर लंबी चादर चढ़ाई जाएगी.

साल में एक बार खुलती है असली कब्र
तहखाने में मौजूद शाहजहां और मुमताज की असली कब्र साल में एक बार इसी मौके पर खुलती है. शाहजहां की कब्र मुमताज की कब्र से बड़ी है. उनकी असली कब्र पर अल्लाह के 99 नाम खुदे हैं. कब्र कक्ष के बीच में स्थित है. इसका आयताकार संगमरमर का आधार 1.5 मीटर चौडा और 2.5 मीटर लंबा है. आधार और ऊपर के श्रृंगारदान रूपी हिस्से में बहुमूल्य पत्थर और रत्न जड़े हुए हैं.

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बड़ी संख्या में आते हैं पर्यटक
हर साल करीब 20 से 40 लाख पर्यटक ताज का दीदार करने आते हैं. यहां अक्टूबर, नवंबर और फरवरी के महीनों में पर्यटकों की संख्या अधिक रहती है. प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए ताज परिसर में वाहनों का प्रवेश वर्जित है. पर्यटक पार्किंग से बैटरी रिक्शा, ऊंट गाड़ी या घोड़ा गाड़ी पर बैठकर जा सकते हैं. ताज महल के दक्षिण में स्थित एक छोटी बस्ती को ताजगंज कहते हैं. अपनी विशिष्ट शैली की वजह से ताज महल को दुनिया का सातवां आश्चर्य कहा जाता है.

सामान्य दिनों में खरीद सकते हैं ऑनलाइन टिकट
ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों को अब टिकट के लिए लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ता है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ऑनलाइन टिकट खरीदने की सर्विस शुरू कर दी है.

टिकट रेट
1- विदेशी पर्यटक - 750 रुपए
2. SAARC और BIMSTEC देश के नागरिक- 510 रुपए
3. भारतीय पर्यटक- 20 रुपए

आगरा जाएं तो यहां भी आएं
1- आगरा फोर्ट (रेड फोर्ट)- आगरा फोर्ट यहां के महत्‍वपूर्ण इमारतों में से एक है. इसका निर्माण 1565 में मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था. स्थापत्य कला का यह बेजोड़ नमूना लाल पत्थरों से निर्मित हैं. इसमें जहांगीर महल (दीवाने-ए-खास) भी बना है, जो खूबसूरत शी‍शमहल के रूप में प्रचलित है.

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2. फतेहपुर सीकरी- आगरा से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित इस स्थान को अकबर ने अपनी राजधानी बनाया था, जो स्थापत्य की बेजोड़ कलाओं से परिपूर्ण है.

3. मेहताब बाग- यमुना नदी की विपरीत दिशा में ताजमहल' के पास ही बना हुआ है मेहताब बाग. कई तरह के फूलों और अनेक पेड़-पौधों से सुसज्जित होने के कारण विदेशी‍ सैला‍नियों को काफी लुभाता है.

4. रामबाग- रामबाग को बाबर ने 1528 में बनवाया था. यह ताजमहल के उत्तरी भाग में ढाई किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसे मुगलों द्वारा निर्मि‍त सबसे पुराने बागों में से एक माना जाता है.

5. जामा मस्जिद- शाहजहां की बेटी जहांआरा बेगम की याद में वर्ष 1648 में बनाई गई थी यह जामा मस्जिद. बड़ी ही खूबसूरती से इसके गुंबद भी तराशे गए हैं. इतने वर्षों बाद भी इसकी खूबसूरती जस-की-तस बनी हुई है.

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