Advertisement

ये 'खान' लिखता था देशभक्ति की कविताएं, काकोरी कांड को दिया था अंजाम

अशफाकुल्ला खान को कलम का क्रांतिकारी कहा जाता है. गरम दल के नेताओं के सात क्रांति की अलख जगाने वाले खान कलम से कई देशभक्ति कविताएं भी लिखते थे. वह ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने अंग्रेजों को खजाना हंसते- हंसते लूटा...

ashfaqulla khan ashfaqulla khan
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST

आज ही के दिन साल 1900 में जन्में अशफाकुल्ला खान को कलम का क्रांतिकारी कहा जाता है. गरम दल के नेताओं के सात क्रांति की अलख जगाने वाले खान कलम से कई देशभक्ति कविताएं भी लिखते थे, जो दूसरे क्रांतिकारियों में देशभावना फैलाती थी. आइए जानते हैं इस महान क्रांतिकारी के उन योगदान के बारे में जो हमेशा याद रखे जाएंगे...

Advertisement

अशफाकुल्ला खान काकोरी कांड के लिए जाने जाते हैं, जिन्होंने अपने साथियों के साथ साल 1925 में 9 अगस्त को काकोरी कांड को अंजाम दिया था. इस दौरान उन्होंने अंग्रेजों के हथियार के साथ कई अन्य सामान लूट लिए.

400 साल पुराना है केदारनाथ मंदिर का इतिहास, खास पत्थरों से हुआ निर्माण

10 नौजवानों की टीम ने इस ट्रेन से सरकारी खजाना लूटा और उससे अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी. इसके बाद अंग्रेजी हुकुमत ने इन क्रांतिकारियों को पकड़ने का काम तेज कर दिया था.

इस दौरान गलती से एक चादर वहां छूट गई थी, जो क्रांतिकारी अपने साथ लाए थे. साथ ही इस कांड की जांच के लिए अंग्रेजों ने स्कॉटलैंड से पुलिस बुलाई. इस जांच में कई लोगों को पकड़ा गया.

ताजमहल से जुड़े 6 ऐसे अफवाह, जिसे दुनिया मानती है सच!

Advertisement

26 सितंबर 1925 को बिस्मिल समेत करीब 40 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन खान चंद्रशेखर आजाद के साथ भागने में सफल रहे. खान शाहदहांपुर से बनारस चले गए और काम करने लगे. लेकिन जब वो दिल्ली आए तो उनके एक पठान दोस्त ने उनके मुखबिरी कर दी और दिल्ली में उन्हें भी अरेस्ट कर लिया गया. उसके बाद उन्हें फैजाबाद जेल भेज दिया गया.

भारत का ये वित्त मंत्री बना था पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री

जेल में उन्हें सरकारी गवाह बनाकर छोड़ने के लिए लालच दिए गए, लेकिन उन्होंने लालच लेने से मना कर दिया. 22 अगसत 1927 को रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्लाह खान, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा सुना दी गई. उसके बाद 19 दिसंबर 1927 को उनकी फांसी का दिन तय कर दिया गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement