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शिव की नगरी वाराणसी की आबोहवा में एक बार सोमवार को तनाव फैल गया. एक बार फिर पुलिस और पब्लिक का आमना-सामना हुआ. लाठियां चली, हंगामा बरपा
और संपत्ति का भी नुकसान हुआ. और यह सब हुआ मूर्ति विसर्जन को लेकर. हिंसा के बाद पुलिस ने 29 लोगों को गिरफ्तार किया है. हिंसा में 8 पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग घायल हुए हैं.
दरअसल, 22 सितंबर को गणेश प्रतिमा के विसर्जन को लेकर पुलिस और संतों में आमना-सामना हुआ था. तब संत समाज गंगा में मूर्ति विसर्जन कराने पर आमादा था और पुलिस अदालती आदेश के तहत उन्हें ऐसा करने से रोक रही थी. उस दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद के समर्थकों ने सोमवार को अनन्य प्रतिकार रैली निकाली.
उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश
वाराणसी प्रशासन ने ऐहतियातन मंगलवार को स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एसएसपी से बात कर हालात की जानकारी ली और शांति बहाली सुनिश्चित करने को कहा. प्रमुख सचिव देवाशीष पंडा ने कहा कि वाराणसी प्रशासन को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं. शहर में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है.
ऐसे शुरू हुई हिंसा
पुलिस का कहना है कि संत समर्थकों की प्रतिकार रैली दशाश्वमेध, घाट की ओर बढ़ रही थी कि तभी बीच में स्वामी समर्थकों ने पुलिस पर अचानक पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस बूथ को भी आग लगा दी और पुलिस की चार गाड़ियां भी फूंक दीं. दुकान में भी आग लगा दी.
पुलिस ने छोड़ी आंसू गैस
पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस छोड़ी. दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे जैसी ही भीड़ गदौलिया चौक पहुंची भीड़ बेकाबू हो गई. हालांकि अब हालात काबू में हैं. पुलिस ने कोतवाली, दशाश्वमेध, गदौलिया चौक और लक्सा क्षेत्र में कर्फ्यू लगा जिसे कुछ घंटों बाद हटा दिया गया.