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उम्र पक्ष में नहीं होने के कारण घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद गौतम गंभीर की राष्ट्रीय टीम में वापसी की संभावना काफी कम नजर आती है. लेकिन 36 साल के इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है. भारतीय क्रिकेट के सबसे पूर्ण बल्लेबाजों में से एक माने जाने वाले गंभीर ने कहा कि जो मायने रखता है वह ‘प्रेरणा’ है और जिस दिन वह इसे खो देंगे, वह संन्यास लेने से पीछे नहीं हटेंगे.
गंभीर दिल्ली की टीम का नियमित हिस्सा हैं, जिसने इस साल 10 वर्ष के बाद रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई. गंभीर भले ही फिलहाल चयनकर्ताओं की योजनाओं का हिस्सा नहीं हों, लेकिन मौजूदा सत्र में वह बेहतरीन फॉर्म में रहे हैं और यह दिल्ली की सफलता के कारणों में से एक है.
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गंभीर ने पीटीआई से कहा, ‘रन बनाते रहो, इसी चीज को आप नियंत्रित कर सकते हो और यही कर सकते हो. आप उन चीजों को नियंत्रित नहीं कर सकते जो आपके हाथ में नहीं हैं. आप सिर्फ इसे नियंत्रित कर सकते हो कि मैदान पर उतरो, प्रदर्शन करो और जितना अधिक संभव हो उतने रन बनाओ.’
उन्होंने कहा, ‘आपको यही करना चाहिए और मैं यही कर रहा हूं. मैं पिछले साल जो कर रहा था इस साल उससे अलग कुछ नहीं कर रहा. प्रेरणा वैसी ही है. जिस दिन मुझे यह पहले की तरह महसूस नहीं होगी उस दिन मैं संन्यास ले लूंगा.'
इस बात की संभावना बेहद कम है कि गंभीर को राष्ट्रीय टीम में दोबारा जगह मिलेगी, विशेषकर फिटनेस की दीवानी विराट कोहली की टीम में, लेकिन एक समय खेल के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम का नियमित हिस्सा रहा बाएं हाथ का यह बल्लेबाज इससे परेशान नहीं है.
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उन्होंने कहा, ‘मैं चयनकर्ताओं से बात नहीं करता और मुझे चयनकर्ताओं से बात करने की जरूरत नहीं है. मेरा काम रन बनाना है और मेरा ध्यान इसी पर है.'
दिल्ली ने पिछली बार 2008 में गंभीर की अगुआई में ही रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई थी. वह मौजूदा सत्र में तीन शतक और दो अर्धशतक की मदद से 632 रन बना चुके हैं और सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में आठवें स्थान पर हैं.