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GDP डेटा पर बाजीगरी नहीं, चिदंबरम से बहस को तैयार: नीति आयोग उपाध्यक्ष

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव ने बुधवार को जीडीपी का संशोधित आंकड़ा जारी किया.

राजीव कुमार (File Photo) राजीव कुमार (File Photo)
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के अधिकांश वर्षों के जीडीपी आंकड़े घटा दिए हैं. इससे एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने आ गई है. कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभाले पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम लगातार सरकार पर हमला बोल रहे हैं, तो केंद्र की तरफ से भी लगातार जवाबी हमला किया जा रहा है.

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ट्विटर पर चल रही इस जंग में पी. चिदंबरम ने एक ट्वीट किया है. उन्होंने इस ट्वीट में पूछा, ''मैं सोचता हूं कि क्या राजीव कुमार (नीति आयोग के वाइस चेयरमैन) जीडीपी के बैक सीरीज डेटा पर पत्रकारों के सवालों से बचने की बजाय उस पर चर्चा करेंगे?''

चिंदबरम के इस ट्वीट का जवाब देते हुए नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ''चुनौती स्वीकार है. आइए बैक सीरी‍ज डेटा को लेकर चर्चा करें. मैंने कल इस पर 3 घंटे का ड‍िटेल इंटरव्यू दिया. पी. चिदंबरम का ये कहना कि मैंने मीडियो को प्रश्न न पूछने के लिए कहा उनकी कपटता को दिखाता है.''

राजीव कुमार ने अपने ट्वीट में चिदंबरम पर हमला करते हुए लिखा कि बैक सीरीज डेटा के साथ आपको जो परेशानी हो रही है. उसको लेकर कुछ पुख्ता कारण दीजिए.

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इससे पहले बुधवार को इन आंकड़ों को लेकर विवाद उठने के बाद नीति आयोग ने एक ट्वीट किया था. इसमें उसने भारत के मुख्य सांख्य‍िकीव‍िद प्रवीण श्रीवास्तव का बयान लिखा है. प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा है कि जीडीपी का बैक सीरीज डेटा निकालने के लिए हमने अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाया है. यह जो डेटा जमा किया गया है, यह व्यापक स्तर पर किए गए अध्ययन का नतीजा है.

बता दें क‍ि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव ने बुधवार को जीडीपी का संशोधित आंकड़ा जारी किया. जिसमें आंकड़ों को 2004- 05 के आधार वर्ष के बजाय 2011- 12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया गया है, ताकि अर्थव्यवस्था की अधिक वास्तविक तस्वीर सामने आ सके.

इससे यूपीए सरकार के कार्यकाल के उस एकमात्र वर्ष के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत से अधिक कमी आई है जब देश ने दो अंकों में वृद्धि दर्ज की थी. इसके अलावा 9 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर वाले तीन वर्षों के आंकड़ों में भी एक फीसदी की कमी आई है.

सरकार द्वारा संशोधित आंकड़ों में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का आंकड़ा कम किए जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट में लिखा, 'नीति आयोग के संशोधित GDP आंकड़े एक मजाक हैं. वे एक बुरा मजाक हैं. असल में वे एक बुरे मजाक से भी बदतर हैं. इन आंकड़ों का उद्देश्य मान सम्मान को धक्का पहुंचाना है.

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अब जब नीति आयोग ने मान सम्मान को धक्का पहुंचाने का काम किया है, तब समय आ गया है कि इस पूरी तरह से बेकार संस्था को बंद कर दिया जाना चाहिए. इससे पहले के आंकड़ों की गणना राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग करती थी. क्या आयोग को भंग कर दिया गया है?'

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