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गोवा में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नई सरकार के गठन को लेकर पणजी से दिल्ली तक सियासत गर्मा गई है. इस बीच मनोहर पर्रिकर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. मनोहर पर्रिकर चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने हैं. पर्रिकर नवंबर 2014 से 13 मार्च 2017 तक रक्षामंत्री रहे. अभी विधानसभा सदस्य नहीं हैं.
इन मंत्रियों ने ली शपथ
सुदिन धवलीकर, एमजीपी, विधायक मारकेम
विजय सरदेसाई, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, विधायक फटोर्डा
बाबू अजगांवकर, एमजीपी, विधायक, पर्नम
मौविन गुडिन्हो, बीजेपी, डोबलिम विधायक
रोहन खौंटे, निर्दलीय, विधायक पोर्वोरिम
पांडुंरंग मडकैकर, बीजेपी, विधायक, कुम्बर्जुआ
इसस पहले कांग्रेस मनोहर पर्रिकर की शपथ पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची. मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को गोवा में बहुमत परीक्षण कराने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल से इससे पहले सभी प्रक्रिया पूरी करने को कहा. अदालत ने मनोहर पर्रिकर के शपथ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
BJP को 2 और MLA का समर्थन
गोवा में मनोहर पर्रिकर को दो और निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल गया है. चर्चिल अलेम्मो और प्रसाद गांवकर ने मनोहर पर्रिकर को समर्थन देने का ऐलान किया है. अब पर्रिकर को कुल 23 विधायकों का समर्थन हासिल हो गया है.
कांग्रेस विधायकों का राजभवन मार्च
इस बीच कांग्रेस सरकार गठन के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रही. कांग्रेस के 17 विधायक महासचिव दिग्विजय सिंह के साथ बस से राजभवन पहुंचे. कांग्रेस मांग कर रही है कि सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होने के कारण पहले उन्हें सरकार गठन का मौका मिले. हालांकि, 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 21 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी. सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस को इसी बात के लिए फटकार लगी थी कि अगर आपके पास संख्याबल है तो आप राज्यपाल के पास क्यों नहीं गए?
जेटली का पलटवार
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बेबुनियाद के आरोप लगा रही है. साथ ही अपने फेसबुक पोस्ट पर उन्होंने लिखा कि राज्यपाल के पास मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में केवल बीजेपी ने ही 21 विधायकों का समर्थन पत्र दिया है. कांग्रेस ने अपनी असफलता छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
कांग्रेस को कड़ी फटकार
मनोहर पर्रिकर आज सीएम पद की शपथ लेंगे. कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी लेकिन अदालत ने कांग्रेस से ही कई सवाल पूछ डाले. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से पूछा है कि अगर आपके पास संख्या है तो संख्याबल के साथ गवर्नर के पास क्यों नहीं गए?
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप पहले गवर्नर के पास अपने संख्याबल के साथ जाते और फिर सुप्रीम कोर्ट आते को हमारे लिए फैसला लेना आसान होता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपके पास संख्या बल था तो पहले गवर्नर के पास जाना चाहिए था.
अदालत में कांग्रेस ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम गोवा में सरकार बना सकते हैं. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी है. राज्यपाल को इस मामले में सबसे बड़ी पार्टी से चर्चा करनी चाहिए थी.
कांग्रेस का क्या है तर्क?
कांग्रेस का आरोप है कि गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए. बीजेपी को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा.
पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता
वहीं, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता दिया है. उन्होंने रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. पर्रिकर ने 21 विधायकों का समर्थन होने का एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था. कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.
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सबसे बड़े दल को मिले मौका- कांग्रेस
पर्रिकर की ताजपोशी से पहले कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से आग्रह किया है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए. राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस विधायक दल ने दावा किया कि पार्टी के पास विधायकों का पर्याप्त समर्थन है और वह सदन के पटल पर बहुत साबित कर सकती है.
कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची
इस बीच कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर के आवास पर याचिका दायर की गई और न्यायमूर्ति खेहर ने मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई. इस सिलसिले में विशेष पीठ का गठन किया गया है क्योंकि शीर्ष अदालत होली पर एक सप्ताह के अवकाश पर है. गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए.
15 दिन में बहुमत साबित करना होगा
कांग्रेस की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब पर्रिकर के नेतृत्व में भजापा ने गोवा में अगली सरकार बनाने के लिए औपचारिक रूप से दावा पेश कर दिया. भाजपा की ओर से दावा पेश करने के बाद राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया और उनसे शपथ लेने के 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने को कहा.
जेटली बोले- सबसे बड़े गठबंधन को न्योता संवैधानिक
गोवा और मणिपुर में भाजपा के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि खंडित जनादेश की स्थिति में बहुमत वाले गठबंधन के नेता को न्योता देने में राज्यपाल संवैधानिक रूप से सही हैं. जेटली ने ट्वीट किया, ‘खंडित जनादेश वाले विधानसभा में यदि विधायकों का बहुमत एक गठबंधन बनाता है तो सरकार गठन के लिए राज्यपाल द्वारा बहुमत वाले गठबंधन को न्योता देना और उसका एक संक्षिप्त अवधि में बहुमत साबित करना संवैधानिक रूप से सही होगा.’ मणिपुर में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा को 21 सीटें मिली हैं.
कांग्रेस ने लोकसभा से किया वॉकआउट
कांग्रेस में मणिपुर और गोवा को लेकर लोक सभा में मुद्दा उठाया और कहा कि वहां पर जो हो रहा है वह ठीक नहीं है. मणिपुर और गोवा के मुद्दे पर कांग्रेस और एनसीपी ने लोकसभा से वॉकआउट किया. कांग्रेस का आरोप है कि मणिपुर और गोवा में डेमोक्रेसी का मर्डर किया गया है. यहां असवैंधानिक तरीका अपनाया गया है और यह ठीक नहीं है.