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गोरखपुर मामले में मुख्य सचिव ने दी रिपोर्ट, प्रिंसिपल सहित 6 पर FIR दर्ज

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में यूपी के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है.

प्रशासन की लापरवाही से हुई थी बच्चों की मौत प्रशासन की लापरवाही से हुई थी बच्चों की मौत
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • गोरखपुर,
  • 22 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:04 PM IST

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में यूपी के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हटाए गए प्रिंसिपल राजीव मिश्रा और पांच अन्य लोगों के खिलाफ FIR करने के आदेश दिए. इन 6 के खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज हुई हैं.

एफआईआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज कराई गईं. इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन की प्रिंसिपल सेक्रेटरी अनीता भटनागर जैन को हटा दिया गया है. रजनीश दुबे को मेडिकल एजुकेशन सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. डीजी मेडिकल एजुकेशन के के गुप्ता को भी उनके पद से हटा दिया गया है.

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ऑक्सीजन के लिए भुगतान में देरी को लेकर अधिकारियों पर यह कार्रवाई की गई है. उच्च स्तरीय जांच रिपोर्ट को लेकर मुख्य सचिव कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.

गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौतों ने हर किसी को झकझोर दिया था. दो दिनों के भीतर बीआरडी कॉलेज में 30 से अधि‍क बच्चों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद BRD कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य राजीव मिश्रा की पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को हटा दिया गया.

रिपोर्ट में लापरवाही का दावा

इसके पहले मामले पर आए डीएम की रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल को ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश ने इसमें लापरवाही बरती है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि सतीश को लिखित रूप से अवगत भी कराया गया था, लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में बाधा पैदा की, लिहाजा वह इसके लिए दोषी हैं. इसके अलावा स्टॉक बुक में लेन-देन का पूरा ब्योरा भी नहीं लिखा गया. सतीश की ओर से स्टॉक बुक का न तो अवलोकन किया गया और न ही उसमें हस्ताक्षार किया गया, जो सतीश की लापरवाही को दर्शाता है.

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मामला सामने आने के बाद कंपनी की ओर से यह दलील दी गई थी कि पिछले कई महीने से भुगतान नहीं मिलने के चलते ऑक्सीजन के सिलेंडर की सप्लाई बंद करनी पड़ी थी. ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के यूपी डीलर मनीष भंडारी ने कहा था कि संभवतः ये मौतें ऑक्सीजन के लिए जरूरी सिलेंडर की कमी से नहीं, बल्‍कि हॉस्प‍िटल में सिलेंडर चेंज के दौरान लापरवाही से हुई हों. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन का पेमेंट के लिए प्रमुख सचिव को करीब 100 लेटर लिखें जा चुके है.

 

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