
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित बहरोड़ के राजकीय अस्पताल में जो कुछ हुआ उसे देखकर मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई. अस्पताल के प्रशासन के साथ-साथ डाक्टरों और नर्सिंग कर्मियों की लापरवाही की वजह से अस्पताल में भर्ती प्रसूता के डिलीवरी खुले आसमान तले चुनरी की आड़ लेकर करानी पड़ी. डॉक्टर प्रसूता को बाहर छोड़कर अस्पताल में अंदर चली गई. हालांकि एक महिला नर्सिंग कर्मी ने बाहर डिलीवरी करवा कर महिला और बच्चे को सुरक्षित बचा लिया है. फिलहाल जच्चा ओर बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा सेवाओं पर करोड़ों खर्च करने के दावे के बावजूद अस्पताल में मौजूद प्रसूता की डिलीवरी अस्पताल परिसर के लॉन में चुनरी की आड़ में हुई. ऐसे डिलीवरी करवाना सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. चिकित्सा विभाग की ओर से अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मौके से तस्वीरें सामने आने के बाद एसडीएम ने अस्पताल का दौरा कर प्रसूता के बयान दर्ज किए है और मामले की जांच शुरू कर दी है.
दरअसल, बहरोड़ के मावड़ी गांव निवासी प्रसूता नेहा के परिजन उसे दोपहर में अस्पताल लेकर आये थे. प्रसूता को इंजेक्शन लगाने के बाद रात को डिलीवरी किए जाने की बात कहकर वॉर्ड में टहलने को भेज दिया. इस बीच प्रसूता दोपहर बाद से ही दर्द बढ़ने पर परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों को अवगत कराया गया. इसके बावजूद अस्पताल कर्मचारियों ने उन्हें वापस वार्ड में घूमने के लिए भेज दिया. उन्हें कहा कि डिलीवरी रात को होने की बात करते हुए टहलने के निर्देश दिए तो परिजन प्रसूता को अस्पताल के स्टाफ से अनुमति लिए बगैर लॉन में घुमाने ले गए. परिजनों ने प्रसूता को बाहर लॉन में पत्थर की टेबल पर लाकर बैठा दिया . प्रसूता के बढ़ते दर्द की वजह से सात बजे के करीब जमीन पर लिटा दिया और उसके बाद महिलाओं ने साड़ियों का पर्दा कर प्रसूता की डिलिवरी कराई. इसकी जानकारी लगते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. अस्पताल प्रभारी को इस मामले की सूचना दी गई. जिसके बाद प्रसूता को अस्पताल में शिफ्ट कराया गया.
लुहार जाति से ताल्लुक रखने वाली प्रसूता प्रसव पीड़ा में होते हुए भी बिना नर्स की जानकारी बाहर आई और उसी दौरान महिला को अस्पताल के लॉन में प्रसव हो गया. खुले में प्रसव पीड़ा का पता चलते ही मौके पर मौजूद लोगों और अस्पताल स्टाफ में हड़कंप मच गया. चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर सुरेश यादव का कहना है कि महिला बिना बताए बाहर घूमने के दौरान टॉयलेट के लिये चली गई थी. अस्पताल में टॉयलेट होने के बाद ऐसी स्थिति में जच्चा को बाहर नहीं जाना चाहिए था. प्रसव की सूचना मिलने पर तुरंत जच्चा बच्चा को अस्पताल में भर्ती किया गया. जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य अब ठीक है. अस्पताल स्टाफ के ओर से लापरवाही की जांच की जा रही है.
महिला डॉक्टर प्रियंका यादव का कहना है कि बिना बताए जच्चा के बाहर जाने की जानकारी नहीं लगी. नर्स के किसी दूसरे मरीज में व्यस्त होने के कारण ध्यान नहीं गया. अस्पताल के बहार प्रसव की सूचना मिलने पर जच्चे-बच्चे को स्वस्थ हालात में भर्ती किया जा चुका है.