Advertisement

गोरखपुर कांड : मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर डॉ. कफील सहित 7 के खिलाफ केस दर्ज

मुख्यमंत्री योगी ने गोरखपुर केस को IPC की धारा 420, 308, 120 b, भ्रष्टाचार निवारण प्रधिकरण, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 15 समेत छह धाराओं में दर्ज करवाया हैं.

गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से लगभग 60 बच्चों की मौत हुई थी गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से लगभग 60 बच्चों की मौत हुई थी
IANS
  • उत्तर प्रदेश,
  • 24 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर में बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में बुधवार देर रात लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज करा दिया हैं. इन लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420, 308, 120 B, भ्रष्टाचार निवारण अधीनियम, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 15 समेत छह धाराओं में दर्ज किया गया है.

Advertisement

सरकार की ओर से बुधवार को जारी बयान के मुताबिक, इस मामले में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के संचालकों, प्रधानाचार्य डॅा राजीव मिश्र व उनकी पत्नी समेत सात कर्मचारियों एवं डाक्टरों को नामजद किया गया हैं.

इसे भी पढ़े :- गोरखपुर मामले में मुख्य सचिव ने दी रिपोर्ट, प्रिंसिपल सहित 6 पर FIR दर्ज

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत के मामले में मुख्य सचिव राजीव कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा गया था. कुमार ने मामले की जांच के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोमवार को सौंप दी थी, जिसके बाद ही चिकित्सा शिक्षा की अपर मुख्य सचिव अनीता भटनागर जैन को हटा दिया गया था. इस मामले में प्रथम दृष्टया गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पर प्रशासनिक लापरवाही, भ्रष्टाचार और अनदेखी के आरोप पाए गए हैं. साथ ही जांच में यह भी पाया गया है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी के भुगतान में कमीशनखोरी भी समस्या थी. इसी वजह से पुष्पा सेल्स के 68 लाख रुपये के भुगतान में भी देरी हो रही थी.

Advertisement

मुख्य सचिव की रिपोर्ट में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बालरोग विभाग के प्रमुख डॉ. कफील खां, खरीदारी विभाग के प्रमुख डॉ़ सतीश कुमार, प्रधानाचार्य डॉ़ राजीव मिश्र व उनकी पत्नी डॉ पूर्णिमा शुक्ला को भी भ्रष्टाचार के आरोप में नामजद किया गया हैं. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के लेखाविभाग के कर्मचारियों को भी दोषी पाया गया. साथ ही चीफ फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल को भी नामजद किया गया हैं.

गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी की वजह से लगभग 60 बच्चों की मौत हो गई थी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement