Advertisement

एयर इंडिया को 'जीवनदान' देगी सरकार, फिलहाल नहीं बिकेगी हिस्सेदारी

सरकार ने कर्ज के बोझ से दबी एअर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी की रणनीति बिक्री का फैसला किया था. सरकार को एअर इंडिया की हिस्सेदारी लेने के लिए कोई खरीदार नहीं मिला था.

एअर इंडिया का विमान (Getty Images) एअर इंडिया का विमान (Getty Images)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2018,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST

केंद्र सरकार ने फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एअर इंडिया की बिक्री की योजना टाल दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी. बताया जाता है कि इस चुनावी साल में सरकार एअर इंडिया को परिचालन के लिए जरूरी फंड मुहैया कराएगी.

सरकार ने कर्ज के बोझ से दबी एअर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी की रणनीति बिक्री का फैसला किया था. सरकार को एअर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री के लिए कोई बोली नहीं मिली थी. करीब तीन सप्ताह पहले एयरलाइन के लिए बोली लगाने की समयसीमा समाप्त हो गई. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि एअर इंडिया को जल्द अपने रोजाना के परिचालन के लिए सरकार से कोष मिलेगा. यही नहीं वह एक-दो विमानों की खरीद के लिए ऑर्डर भी दे सकेगी.

Advertisement

मंत्रियों की बैठक में फैसला

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को एअर इंडिया के भविष्य पर बैठक हुई थी. इस बैठक में अस्थायी रूप से वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल, नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा वित्त और नागर विमानन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

फायदे में परिचालन

अधिकारी ने एजेंसी से कहा कि एयरलाइन को परिचालन लाभ हो रहा है. कोई भी उड़ान खाली नहीं जा रही है. लागत दक्ष व्यवस्था के जरिये हम परिचालन दक्षता में सुधार करते रहेंगे. ऐसे में एयरलाइन की बिक्री को कोई हड़बड़ी नहीं है. एक सूत्र ने बताया कि सरकार एअर इंडिया के पुनरोद्धार के जरिये उसके कुल लाभ की स्थिति में लाने की कोशिश कर रही है, जिसे इसे सूचीबद्ध कराया जा सके.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक सूचीबद्धता के लिए जाने से पहले कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. एक बार एअर इंडिया इन शर्तों को पूरा कर देती है तो हम इसकी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश ला सकते हैं और इसे सूचीबद्ध करा सकते हैं. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के अनुसार किसी कंपनी को शेयर बाजारों में तभी सूचीबद्ध कराया जा सकता है जबकि पिछले तीन वित्त साल में उसने मुनाफा कमाया हो.

विनिवेश का फैसला

बता दें कि जून 2017 को सरकार ने एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी थी. केंद्र सरकार ने कहा था कि एअर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली लगाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने बाकायदा अर्नेस्ट एंड यंग को ट्रांजैक्शन एडवायजर के तौर पर नियुक्त किया है.

केंद्र सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद से ही एअर इंडिया को बेचे जाने की कवायद चल रही थी. इससे पहले इसी साल जनवरी में सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया में एफडीआई को मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने एअर इंडिया को बेचने की योजना तैयार कर ली थी. प्रस्तावित मसौदे के तहत कंपनी को चार भागों में बांटे जाने का प्रस्ताव रखा गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement