
सरकार ने उभरते उद्यमियों को राहत देते हुए 10 करोड़ रुपये तक की पूंजी वाले स्टार्टअप को कर से छूट देने के प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दे दी. इस निवेश की सीमा राशि में एंजल निवेशक से जुटाई गई राशि भी शामिल है.
गौरतलब है कि देश के युवाओं को स्वरोजगार करने को प्रेरित करने के लिए पीएम मोदी ने स्टार्टअप इंडिया जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2016 में 'स्टार्टअप इंडिया' को लॉन्च किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था, 'जो कुछ करना चाहते हैं उनके लिए पैसा मायने नहीं रखता. जो करता है उसी को दिखता है कि क्या होने वाला है. देश का युवा जॉब क्रिएटर बने.'
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार किसी स्टार्टअप में हिस्सेदारी खरीदने वाले एंजल निवेशक का न्यूनतम नेटवर्थ दो करोड़ रुपये होना चाहिए या पिछले तीन वित्त वर्ष में 25 लाख रुपये से अधिक की आय होनी चाहिए.
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'इस अधिसूचना के द्वारा किये गये सुधारों से स्टार्टअप को आसानी से वित्तपोषण उपलब्ध हो सकेगा जिससे नये कारोबार की शुरुआत कर पाना, स्टार्टअप पारिस्थितिकी को बढ़ावा देना, उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और रोजगार सृजन को तेज करना सुनिश्चित हो सकेगा.'
मंत्रालय ने कहा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग ने गजट अधिसूचना जारी की है और आयकर अधिनियम 1961 के तहत उक्त छूट का दावा करने के स्टार्टअप के आवेदनों पर विचार करने के लिए वह मंत्रिस्तरीय समिति बना रहा है.