
साल 2016 के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों पर हर साल देश की नजर रहती है. इस बार ये सम्मान जिन 25 बच्चों को मिलेगा उनमें 13 लड़के और 12 लड़कियां हैं. इनमें से चार बच्चों को ये पुरस्कार मरणोपरांत दिया जाएगा. पीएम मोदी 23 जनवरी को ये अवॉर्ड विजेताओं को सौंपेंगे. इन बच्चों को गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान जीप की सवारी का मौका मिलेगा.
मिजोरम की बहादुर बेटी
ये सम्मान पाने वालों में मिजोरम की कुमारी रोलापुई भी शामिल है. साल 2016 में 13 साल की ये बच्ची स्कूल की पिकनिक पर गई थी. यहां अपनी तीन सहेलियों को डूबते देखकर रोलापुई ने जान की परवाह किए बगैर नदी में छलांग लगा दी. उसने तीनों को तो बचा लिया लेकिन खुद नहीं बच पाई. सात भाई-बहनों में सबसे छोटी रोलापुई के माता-पिता कहते हैं कि उनकी बेटी का कारनामा हर बच्चे के लिए मिसाल है.
अरुणाचल की वीरांगना
अरुणाचल प्रदेश की तार पीजू को मरणोपरांत भारत अवॉर्ड से नवाजा गया है. महज 8 साल की पीजू ने अपनी जान देकर दो सहेलियों को डूबने से बचाया था. वो बड़ी होकर आईएएस अफसर बनना चाहती थी. उसके माता-पिता को अपनी बेटी पर फख्र है लेकिन उसकी याद उनकी आंखें आज भी नम कर देती है.
भाई की बचाई जान
मिजोरम की एच लालरियातपुई को ये सम्मान कार दुर्घटना में अपने भाई की जान बचाने के लिए मिला है. ये कारनामा करने के वक्त वो महज 13 साल की थीं.
दिल्ली के बहादुर बच्चे
इस साल ये प्रतिष्ठित अवॉर्ड पाने वालों में दिल्ली के तीन बच्चे शामिल हैं. मालवीय नगर के रहने वाले भाई-बहन अक्षिता शर्मा (16) और अक्षित शर्मा(13) ने चोरी करने के लिए घर में घुसे दो बदमाशों का बहादुरी से मुकाबला किया और एक को धर दबोचा.
वहीं पीतमपुरा गांव के निवासी नमन (16) ने सोनीपत में यमुना में डूबते एक बच्चे को अपनी जान पर खेल कर बचाया.
तीनों बच्चों का मानना है के अगर दोबारा उन्हें किसी की मदद करने का मौका मिलेगा तो वो पीछे नहीं हटेंगे.
बंगाल के वीर
इस साल का गीता चोपड़ा अवॉर्ड पश्चिम बंगाल की तेजस्विता प्रधान और शिवानी गोड को संयुक्त रुप से दिया जाएगा. दोनों ने बिना डरे एक अंतर्राष्ट्रीय सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करने में कानून की मदद की थी.
उत्तराखंड के सुमित को संजय चोपड़ा अवार्ड
उत्तराखंड का सुमित (14 वर्ष) अपने भाई के साथ खेत से जा रहा था. तभी तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया. सुमित ने बहादुरी की मिसाल कायम करते हुए तेंदुए की पूंछ पकड़ ली और उस पर दरांती से वार करना शुरू कर दिया. तेंदुआ भाग गया. सुमित ने अपने भाई रितेश के सिर से खून बहता देख उसे अस्पताल पहुंचाया.
इन बच्चों को भी पुरस्कार
इस साल राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित अऩ्य बच्चों के नाम हैं- प्रफुल्ल शर्मा (हिमाचल प्रदेश), सोनू माली (राजस्थान), अंशिका पांडे (उत्तर प्रदेश), निशा दिलीप पाटिल (महाराष्ट्र), सिया वामंसा खोडे (कर्नाटक), मोइरंगथेम सदानंद सिंह (मणिपुर), बिनिल मंजाली, आदित्यन, एम पी पिल्लई, अखिल के शीबू और बदरुन्निसा (सभी केरल), टंकेश्वर पेगु (असम), नीलम ध्रुव (छत्तीसगढ़), थंगीलमंग लुंकिम (नगालैंड) मोहन सेथी (ओडिशा) और दिवंगत पायल देवी (जम्मू और कश्मीर).