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जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक आज, सस्ते होंगे कई उत्पाद?

बजट में आम लोगों को राहत की घोषणा करने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली आज बड़ी राहत दे सकते हैं. दिल्ली में आज जीएसटी काउंसिल की 25 वीं बैठक है. इस बैठक में ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि 70 से भी ज्यादा चीजों पर जीएसटी रेट कम किए जा सकते हैं. इसके साथ ही इस बैठक में रियल इस्टेट और पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी विचार हो सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बैठक की अध्यक्षता करेंगे. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य हैं.

बजट से पहले जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक (FILE PHOTO) बजट से पहले जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक (FILE PHOTO)
विकास जोशी/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

बजट में आम लोगों को राहत की घोषणा करने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली आज बड़ी राहत दे सकते हैं. दिल्ली में गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की 25वीं बैठक है. इस बैठक में ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि 70 से भी ज्यादा चीजों पर जीएसटी रेट कम किए जा सकते हैं. इसके साथ ही इस बैठक में रियल इस्टेट और पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी विचार हो सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बैठक की अध्यक्षता करेंगे. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य हैं.

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जिन चीजों के रेट घट सकते हैं, उनमें घरेलू चीजों, खेती में काम आने वाले सामान, सिंचाई से जुड़े हुए सामान और मशीनें, हथकरघा के सामान और सीमेंट व स्टील जैसी चीजें शामिल हैं.

रियल इस्टेट और पेट्रोल पर चर्चा

इस बैठक में रियल इस्टेट और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी चर्चा  हो सकती है. माना जा रहा है कि बैठक में जीएसटी काउंसिल इस बारे में कोई फैसला करके इसे लागू करने के लिए तारीख का ऐलान किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि जीएसटी के दायरे में आने के बाद रियल स्टेट मे लगने वाली स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज को भी इसी में समाहित कर लिया जाएगा. अनुमान है कि सरकार रियल स्टेट पर 12 फीसदी जीएसटी लगा सकती है.

व्यापारियों को भी मिलेगी राहत

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जीएसटी के बारे में व्यापारियों और दुकानदारों की शुरू से यह शिकायत रही है कि उन्हें जीएसटी के लिए कई फॉर्म भरने पड़ते हैं. संभावना है कि जीएसटी काउंसिल जीएसटी के 3 फॉर्म को एक में ही शामिल कर लेगी जिससे यह प्रक्रिया आसान हो सके. फॉर्म भरने की दिक्कतों को लेकर सरकार को इतनी शिकायतें मिली थी कि बार-बार सरकार को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ानी पड़ी थी.

मुश्किल समय में काउंसिल की बैठक

जीएसटी काउंसिल की बैठक ऐसे समय पर होने जा रही है जब सरकार लगातार जीएसटी में कम राजस्व आने की चुनौती से जूझ रही है. नवंबर महीने में जीएसटी से सिर्फ 80,808 करोड़ रुपए ही आए जबकि जुलाई में जब जीएसटी लागू हुआ था उस वक्त जीएसटी से 94 हजार करोड़ रुपए आए थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार लगातार कई चीजों पर जीएसटी की दर कम कर चुकी है.

आम बजट से उम्मीदें

जीएसटी लागू होने के बाद आम बजट में टैक्स में बदलाव होने की वजह से चीजों के सस्ता और महंगा होने का सिस्टम खत्म हो चुका है क्योंकि अब जीएसटी काउंसिल ही तय करती है कि किस चीज पर कितना टैक्स लगेगा. आम बजट में अब सिर्फ सरकार के आमदनी और खर्च का लेखा-जोखा और साथ ही डायरेक्ट टैक्स ही बचा है, जिस पर लोगों की निगाहें होंगी.

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आम लोगों से जुड़े कई फैसलों पर नजर

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यह वित्त मंत्री अरुण जेटली का आखिरी पूरा बजट होगा. इसीलिए यह माना जा रहा है कि बजट से पहले होने वाले जीएसटी काउंसिल की इस बैठक से वित्त मंत्री आम लोगों को राहत देने वाले कई फैसले कर सकते हैं. आज होने वाली बैठक में इलेक्ट्रिक बस और इलेक्ट्रिक कारों पर भी जीएसटी कम हो सकता है. इस बैठक में इस बात का भी जायजा लिया जाएगा कि 1 फरवरी से ई-वे बिल लागू करने के बारे में कितनी तैयारी हुई है.

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