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जीएसटी के बाद बढ़ सकती है हेल्थकेयर लागत: अपोलो हास्पीटल्स

देश भर में अस्पताल चलाने वाली प्रमुख कंपनी अपोलो हास्पीटल्स का दावा है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) प्रणाली के लागू होने के बाद कुल मिलाकर हेल्थकेयर लागत बढ़ सकती है. अपोलो के मुताबिक हॉस्पिटल से जुड़ी कुछ सेवाओं व उत्पादों पर 15-18 फीसदी की दर से 1 जुलाई के बाद टैक्स लगना शुरू हो जाएगा.

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राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

देश भर में अस्पताल चलाने वाली प्रमुख कंपनी अपोलो हास्पीटल्स का दावा है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) प्रणाली के लागू होने के बाद कुल मिलाकर हेल्थकेयर लागत बढ़ सकती है. अपोलो के मुताबिक हॉस्पिटल से जुड़ी कुछ सेवाओं व उत्पादों पर 15-18 फीसदी की दर से 1 जुलाई के बाद टैक्स लगना शुरू हो जाएगा.

गौरतलब है कि हेल्थकेयर को जीएसटी से छूट दी गई है. अपोलो हास्पीटल्स के चेयरमैन प्रताप सी रेड्डी ने कहा कि अगर हेल्थकेयर लागत दो फीसदी तक बढ़ती है तो अस्पताल उसे अपने स्तर पर वहन करने की स्थिति में होंगे लेकिन उससे अधिक बढोतरी होने पर उसका बोझा मरीजों पर डालने के सिवाए कोई विकल्प नहीं रहेगा.

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हॉस्पिटल के लिए जीएसटी में कोई प्रावधान नहीं है लेकिन कुछ उत्पादों व कुछ सेवाओं पर 15-18 फीसदी जीएसटी दर का बोझ सीधे हॉस्पिटल पर पड़ेगा. इसलिए जीएसटी के लागू होने के बाद अस्पतालों के लिए लागत लगभग दो फीसदी अधिक रहेगी. अपोलो के मुताबिक अगर (लागत में) बढोतरी दो फीसदी तकहोती है तो अस्पताल इसे वहन कर लेंगे लेकिन अगर यह वृद्धि तीन या चार फीसदी रही तो देश में इलाज कराना महंगा हो जाएगा.

देश में जीएसटी को एक जुलाई से लागू करना प्रस्तावित है. जीएसटी काउंसिल ने हेल्थकेयर को जीएसटी से छूट दी है. रेड्डी ने हेल्थकेयर को जीएसटी से अलग रखने के सरकार के कदम का स्वागत किया. रेड्डी ने यह भी कहा कि नोटबंदी के असर से उबरते हुए कंपनी अब सामान्य रूप से परिचालन कर रही है और बढ़ रही है. देश भर में कंपनी के 64 अस्पताल हैं.

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