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GST के चलते ऑटो निर्यातक दबाव में, रिफंड में फंसे 1000 करोड़

जीएसटी के चलते ऑटो निर्यातकों को कारोबार करने में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. इंडस्ट्री का कहना है कि जीएसटी रिफंड में उनके 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा फंसे हुए हैं. इसकी वजह से उनका वर्किंग कैपिटल काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऑटो निर्यातकों के कारोबार पर जीएसटी का असर इसी से साफ नजर आता है कि जुलाई से अक्टूबर के बीच पैसेंजर व्हीकल का निर्यात 14. 45 फीसदी घटा है.

जीएसटी ने डाला कारेाबार पर असर (Reuters) जीएसटी ने डाला कारेाबार पर असर (Reuters)
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST

जीएसटी के चलते ऑटो निर्यातकों को कारोबार करने में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. जीएसटी रिफंड में उनके 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा फंसे हुए हैं. इसकी वजह से उनका वर्किंग कैपिटल काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऑटो निर्यातकों के कारोबार पर जीएसटी का असर इसी से साफ नजर आता है कि जुलाई से अक्टूबर के बीच पैसेंजर व्हीकल का निर्यात 14. 45 फीसदी घटा है.

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कम हुआ निर्यात

जुलाई से अक्टूबर के बीच पैसेंजर व्हीकल के निर्यात में कमी देखने को मिली है. पिछले साल इसी दौरान 2,75,789 यूनिट का निर्यात किया गया था, लेक‍िन इस साल इस दौरान निर्यात घटकर 2,35,933 पर पहुंच गया है.

नहीं फाइल कर पा रहे हैं रिफंड क्लेम

निर्यातकों का कहना है कि वह जुलाई से इनपुट टैक्स क्रेडिट फाइल नहीं कर पाए हैं. इसकी वजह से उनके 1000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा जीएसटी रिफंड में फंस गए हैं. इतनी बड़ी रकम के फंसने से उनका वर्किंग कैपिटल काफी ज्यादा बढ़ गया है. इसका सीधा असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है.

दुरुस्त नहीं है रिफंड की प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि जीएसटी में जो मौजूदा व्यवस्था है, उसमें भुगतान तो पहले करना पड़ता है, लेकिन रिफंड बाद में क्रेडिट होता है. इसके अलावा रिफंड की प्रक्रिया भी दुरुस्त तरीके से नहीं चल रही है. इस वजह से उन पर इतना दबाव बढ़ गया है कि जब तक रिफंड की व्यवस्था पुख्ता नहीं हो जाती, वे तब तक निर्यात करने के लिए सोच भी नहीं सकते.

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सेस बढ़ाना भी एक वजह

फोर्ड इंडिया के सीएफओ डेविड स्कोक ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि जीएसटी के तहत कंपनसेशन सेस में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी की गई है. जहां ये पहले 1  से 4 फीसदी होता था, अब वह 1 से 22 फीसदी हो गया है. इसकी वजह से भी ऑटो एक्सपोर्ट  पर असर पड़ा है.  इंडियन ऑटोमोबइल मैन्युफैक्चरर्स सोसायटी (SIAM) के उप महानिदेशक सुगातो सेन ने कहा कि जीएसटी रिफंड सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर रहा है. इसकी वजह से कारोबार पर असर पड़ रहा है.

कंपनियों के फंसे हैं पैसे

सेन ने कहा कि कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनका जीएसटी  में रिफंड में करोड़ों रुपये में पहुंच गया है. इसकी वजह से वर्किंग कैपिटल काफी ज्यादा बढ़ गया है. इसके चलते वह निर्यात करने को लेकर काफी सचेत हो गए हैं.

कारोबारी हैं उलझन में

स्कोक ने कहा कि सरकार ने रिफंड की व्यवस्था तैयार तो की है, लेक‍िन अभी तक इसने सही से काम करना शुरू नहीं किया है. कारोबारियों के मन में इस व्यवस्था को लेकर कई उलझने हैं, जिन्हें सुलझाया नहीं गया है. इसकी वजह से कंपनियां रिफंड क्लेम नहीं कर पा रही हैं. 

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