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BJP की 'सूरत' पर कांग्रेस की नजर, क्या 'हाथ' को मिलेगा पाटीदार का साथ?

गुजरात चुनाव की जमीनी सच्चाई का अंदाजा सूरत से लगाया जा सकता है, क्योंकि सूरत बीजेपी का गढ़ है. सूरत की 16 में से 15 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. लेकिन कांग्रेस यहां अपनी मौजूदगी हर हाल में बढ़ाना चाहती है.

राहुल गांधी और हार्दिक पटेल राहुल गांधी और हार्दिक पटेल
सना जैदी
  • सूरत,
  • 03 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

गुजरात चुनाव की जमीनी सच्चाई का अंदाजा सूरत से लगाया जा सकता है, क्योंकि सूरत बीजेपी का गढ़ है. सूरत की 16 में से 15 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. लेकिन कांग्रेस यहां अपनी मौजूदगी हर हाल में बढ़ाना चाहती है.

दरअसल सूरत में पटेल वोटर्स पर कांग्रेस की नजर है, क्योंकि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस अपने खेमे में लाने में सफल रही है. कांग्रेस को उम्मीद है कि हार्दिक समर्थक पादीदार के साथ आ जाने से उसकी हालत बेहतर हो सकती है. हालांकि जमीनी हालात अभी पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में नहीं है.

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वहीं सूरत में हार्दिक पटेल को लेकर पादीदारों के बीच बहुत अच्छी राय नहीं है. जबकि अभी भी यहां के लोगों के दिल नरेंद्र मोदी बसे हुए हैं. आजतक के ग्राउंड रिपोर्ट में ये साफ होता है कि कांग्रेस घुसपैठ में लगी तो है लेकिन इतनी सुराख होती नहीं दिख रही कि, जीत फिसलकर उसकी झोली में आ गिरे. ग्राउंड जीरो पर कांग्रेस मुकाबले में तो दिख रही है, लेकिन जीत चाहिए तो उसे और जोर लगाने की जरूरत है.

गुजरात चुनाव की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक यहां के लोगों के सबसे बड़ा चुनावी मुद्दों की दौड़ में सबसे आगे विकास है. सूरत की जनता के दिल की बात सुनकर ऐसा लगता है कि कांग्रेस का सीएम कैंडिडेट घोषित ना करने का दांव कहीं जोखिम भरा ना साबित हो जाए. कांग्रेस के मुकाबले में होने की बात तो लोग मानते हैं लेकिन जीत की उम्मीद जताने से पीछे हट जाते हैं.

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पीएम मोदी ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को भी गुजरात चुनाव का हिस्सा बना दिया. बीजेपी और कांग्रेस के बीच तुलनात्मक लकीर खींचने की कोशिश की. परिवारवाद बनाम आंतरिक लोकतंत्र का सवाल फिर से उठाया. हालांकि गुजरात चुनाव में अभी मुद्दों के कई झोंकें आने हैं.

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