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पर्दे के पीछे खेल जारी, राहुल की सूरत रैली में दिखेगा चौंकाने वाला नजारा!

पार्टी सूत्रों के मानें तो कांग्रेस के लिए ये दिन काफी अहम होने वाला है. पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक, 'जो बातचीत चल रही है, अगर वह कामयाब हो जाती है, तो सूरत की रैली में चौंकाने वाला नजारा देखने को मिलेगा'.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
सुप्रिया भारद्वाज
  • सूरत ,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक बार गुजरात के रण में बाजी मारने के लिए जनता के बीच पहुंचे हैं. गुजरात नवसृजन यात्रा के तीसरे चरण में राहुल का फोकस साउथ गुजरात है. साथ ही उनके एजेंडे में युवा तिकड़ी के समर्थन को अंतिम रूप देना भी है. इसके लिए पार्टी के अंदर चर्चा के साथ तैयारी भी जोरों पर है.

राहुल ने अपनी पिछली गुजरात यात्रा में ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के साथ मंच साझा किया था. इस दौरान अल्पेश ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. जिसके बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को साधने की कोशिशें तेज हुईं.

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कांग्रेस के प्रदेश नेताओं ने एक तरफ जहां पाटीदारों से गुजरात में मीटिंग की. वहीं गुजरात के प्रभारी अशोक गहलौत आरंभिक बातचीत के बाद जिग्नेश मेवानी को राहुल गांधी से मिलाने दिल्ली ले आए. हालांकि, मेवानी राहुल से मिलने नहीं पहुंचे. जिसके बाद राहुल बुधवार को अपने प्रस्तावित दौरे के तहत गुजरात पहुंच गए.

राहुल की ये यात्रा 3 नवंबर तक चलेगी. यात्रा के अंतिम दिन राहुल सूरत में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. पार्टी सूत्रों के मानें तो कांग्रेस के लिए ये दिन काफी अहम होने वाला है. पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक, 'जो बातचीत चल रही है, अगर वह कामयाब हो जाती है, तो सूरत की रैली में चौंकाने वाला नजारा देखने को मिलेगा'.

क्या मंच पर आएंगे हार्दिक और मेवानी?

कांग्रेस सूत्रों के इन दावों से सवाल उठ रहे हैं कि क्या सूरत की रैली में हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी राहुल गांधी के साथ मंच साझा कर आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को समर्थन का ऐलान करेंगे? दरअसल, अल्पेश ठाकोर के बाद कांग्रेस जल्द से जल्द हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी का समर्थन हासिल करना चाहती है.

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इसके पीछे कई वजहें हैं. पहली ये कि कांग्रेस हार्दिक को साथ लाकर पाटीदारों के बीजेपी के साथ जाने के रास्ते बंद करने की कोशिश करना चाहती है. क्योंकि हाल ही में ये भी खबर आई है कि पाटीदार आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक अश्विन पटेल बीजेपी के संपर्क में हैं. उनका मानना है कि कांग्रेस के बजाय बीजेपी पाटीदारों की शर्तों को पूरा करने में सक्षम है.

दूसरा वजह ये है कि कांग्रेस हार्दिक और जिग्नेश को साथ लाकर टिकट बंटवारे पर भी मंत्रणा शुरू करना चाहती है. इसके लिए हालांकि पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने मीटिंग बुलाई है, जिसमें टिकटों पर चर्चा होनी है. दिलचस्प बात ये है कि स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग भी 3 नवंबर को ही होनी है जो अगले दो दिन और आयोजित की जाएगी.

वसावा से भी चर्चा

युवा तिकड़ी के अलावा कांग्रेस जेडीयू नेता छोटूभाई वसावा को भी अपने 'ग्रैंड अलायंस' का हिस्सा बनाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस महासचिव अशोक गहलौत पहले ही वसावा के साथ कई दौर की मीटिंग कर चुके हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर गठबंधन हो जाता है तो वसावा के साथ मिलकर कांग्रेस को कई सीटों पर फायदा पहुंचने की उम्मीद है.

कुल मिलाकर गांधीनगर से लेकर दिल्ली तक चर्चा और बैठकों का दौर गरम है. पाटीदारों की चार बड़ी मांगों पर कांग्रेस सहमति जता चुकी है. अब आरक्षण पर कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना है, जिसके लिए हार्दिक पटेल ने उन्हें 7 नवंबर तक की मोहलत दी है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि क्या राहुल की सूरत रैली से पहले ही कांग्रेस  हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और छोटूभाई वसावा के साथ डील पक्की कर लेगी. अगर ऐसा होता है तो मुमकिन है राहुल की सूरत रैली में कोई चौंकाने वाला नजर आए.

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