
गुजरात विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के लिए ये आंकड़े राहत देने वाले हैं. चुनाव में कांग्रेस के 16 उम्मीदवार 3000 से कम वोटों के अंतर से हारे हैं. राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटों पर जीत हासिल की और छठी बार गुजरात की कुर्सी पर काबिज होने में कामयाब रही.
कांग्रेस के 3 उम्मीदवार तो ऐसे थे जिन्हें 1000 से भी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा. गोधरा में सी के राउलजी ने महज 258 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. राउलजी इसी सीट से पिछली विधानसभा में कांग्रेस के विधायक थे, वह इस साल राज्यसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए. इस क्षेत्र में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है.
ढोलका सीट पर कांटे की टक्कर
राउलजी ने कांग्रेस के राजेंद्र सिंह परमार को हराया जबकि निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत सिंह परमार को 18 हजार 856 वोट मिले और 3050 लोगों ने नोटा का बटन दबाया. ढोलका विधानसभा सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह चूड़ासामा ने कांग्रेस के अश्विनभाई राठौड़ को 327 वोटों के मामूली अंतर से हराया. इस सीट पर 2347 लोगों ने नोटा का बटन दबाया जबकि निर्दलीय उम्मीदवार शक्तिसिंह सिसिदिया को 4222 वोट मिले.
बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता सौरभ पटेल ने बोटाड सीट पर कांग्रेस के डी एम पटेल को 906 वोटों के अंतर से हराया. पटेल आनंदी बेन पटेल सरकार में राज्य के वित्त मंत्री थे और निवर्तमान विधानसभा में वड़ोदरा की अकोटा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. इस बार उन्हें बोटाड से उतारा गया.
वीजापुर में बीजेपी के रमनभाई पटेल ने कांग्रेस के नाथभाई पटेल को 1164 वोटों के अंतर से हराया. जो नोटा के पक्ष में पड़े 1280 वोटों से कम है. कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं अर्जुन मोढवाडिया और सिद्धार्थ पटेल को क्रमश: 1855 और 2839 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
अन्य विधानसभा क्षेत्र जहां बीजेपी उम्मीदवारों की जीत का अंतर 3000 से कम है उनमें हिम्मतनगर (1712) गरीधर (1876) उमरेथ (1883) , राजकोट ग्रामीण (2179) खंभात (2318) वागरा (2370) माटर (2406) प्रतिज (2551) फतेहपुरा (2711) और विसनगर (2869) शामिल हैं.