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2012 में पाटीदार बहुल 59 सीटों पर था BJP का कब्जा, कितना नुकसान पहुंचाएंगे हार्दिक?

नतीजों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार चुनाव में हार्दिक पटेल की मौजूदगी से बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचा है.

हार्दिक पटेल (फ़ाइल फोटो) हार्दिक पटेल (फ़ाइल फोटो)
अनुज कुमार शुक्ला
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  • 18 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

गुजरात विधानसभा में 182 सीटों के रुझान आने शुरू हो गए हैं. गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह प्रदेश है इस वजह से पूरे देश की निगाहें उस पर लगी हुई हैं. 2019 से पहले का ये चुनाव काफी अहम हो गया है और इसे मोदी बनाम राहुल के तौर पर देखा जा रहा है. बीजेपी 22 साल से राज्य की सत्ता में काबिज है.

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छठी बार गुजरात जीतने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. हालांकि पाटीदारों की नाराजगी की वजह से इस बार राज्य में बीजेपी की सत्ता में वापसी काफी मुश्किल बताया जा रहा है. आरक्षण मुद्दे को लेकर हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदारों ने गुजरात में बड़ा आंदोलन चलाया. विधानसभा चुनाव में हार्दिक कांग्रेस के साथ रहे हैं. नतीजों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार चुनाव में हार्दिक पटेल की मौजूदगी से बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचा है.

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बताते चलें कि गुजरात में पाटीदारों के सीधे असर वाली 83 सीटें हैं. 2012 के पिछले चुनाव में पाटीदारों बाहुल्य ज्यादातर सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम फहराया था. 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 59 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं. 2 सीटों पर अन्य ने कब्जा किया था. पाटीदारों की कथित नाराजगी और हार्दिक का कांग्रेस के पक्ष में प्रचार इस बार बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

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पाटीदार बाहुल्य सीटों पर हुई है कम वोटिंग

गुजरात में पाटीदार कितना अहम हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि बीजेपी सरकार में 44 पाटीदार विधायकों को कैबिनेट में जगह दी गई थी. इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पाटीदार बाहुल्य सीटों पर अधिकांश पाटीदार नेताओं को ही टिकट दिया है. विधानसभा के लिए दो फेज में वोट डाले गए थे. लेकिन इस बार पाटीदार बाहुल्य सीटों पर वोटिंग में गिरावट नजर आई है. माना जा रहा है कि अगर पाटीदारों ने इस बार बीजेपी को वोट नहीं दिया तो गुजरात की सत्ता में भगवा वापसी के रास्ते बंद हो जाएंगे.

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