Advertisement

HC ने रद्द किया गुजरात सरकार का अध्यादेश, आर्थिक रूप से पिछड़ों को नहीं मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

राज्य में उच्चजाति के लोगों के लिए गुजरात सरकार के जरिए दिए गए 10 फीसदी आरक्षण पर हुई पीआईएल को लेकर गुरुवार गुजरात हाई कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आर्थिक आधार पर आरक्षण को असंवैधानिक बताया है.

आरक्षण के लिए पाटीदारों ने छेड़ा था हिसंक आंदोलन आरक्षण के लिए पाटीदारों ने छेड़ा था हिसंक आंदोलन
अंजलि कर्मकार/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 04 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

गुजरात सरकार को गुजरात हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. पाटीदार आंदोलन के बाद आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण को हाई कोर्ट ने गैरसंवैधानिक करार दिया है.

 राज्य में उच्चजाति के लोगों के लिए गुजरात सरकार के जरिए दिए गए 10 फीसदी आरक्षण पर हुई पीआईएल को लेकर गुरुवार गुजरात हाई कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आर्थिक आधार पर आरक्षण को असंवैधानिक बताया है.

Advertisement

कोर्ट ने इसलिए दिया ये फैसला
पीआईएल में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से समान नागरिक अधिकार का हनन होता है, जबकि राज्य सरकार कि ओर से कहा गया था कि आरक्षण देते वक्त सरकार ने किसी भी तरह कि संवैधानिक आरक्षण के हक का हनन नहीं किया है.

आरक्षण के लिए पाटीदारों ने छेड़ा था हिसंक आंदोलन
गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात में आंदोलन कर रहा पाटीदार समुदाय भी सामान्य वर्ग में आता है. सरकार के इस फैसले से उनको भी आरक्षण का लाभ मिलता. राष्ट्रद्रोह के आरोप में जेल काट चुके हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा था, जो बाद में हिंसक हो गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement