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रिहाई से पहले हार्दिक पटेल ने जेल से लिखा खत, कहा- कभी अमित शाह से नहीं मिला

जेल से लिखे खत में हार्दिक ने लिखा है कि मुझे भारतीय संविधान पर पूरा भरोसा है. काफी वक्त बाद जीत मिली है. नौ महीना मां के गर्भ में रहने जितना वक्त जेल में रहकर बहुत कुछ सीखने के लिए मिला है.

हार्दिक ने बीजेपी और कांग्रेस को दिया सीधा संदेश हार्दिक ने बीजेपी और कांग्रेस को दिया सीधा संदेश
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 13 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

पाटीदार आंदोलन से नेता बने हार्दिक पटेल को राजद्रोह सहित तमाम मामलों में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुजरात की राजनीति गरमा गई है. जहां बीजेपी से नाराज चल रहे पाटीदारों को रिझाने के लिए कांग्रेस लगी हुई है, वहीं बीजेपी पाटीदारों को यह कहकर मना रही है कि हार्दिक को जमानत आनंदीबेन सरकार नरम रुख की वजह से मिली है.

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हार्दिक से पहले जेल से बाहर आया उसका खत
हार्दिक पटेल ने जेल से खत लिखकर कहा है कि जब तक पाटीदारों को न्याय नहीं मिलता है, उनकी ये लडाई जारी रहेगी. अहमदाबाद ओर सूरत के राजद्रोह के केस के बाद विसनगर हिंसा केस में हार्दिक पटेल को मिली जमानत के बाद अब ये तय हो गया है कि वह जल्द ही जेल से बहार होगा. हार्दिक के साथ काम करने वाले पाटीदार समाज के लोगों का कहना है कि वह 15 जुलाई को सुबह जेल से बहार आएगा. हार्दिक कि रिहाई से पहले मंगलवार को उसका खत बाहर आया है.

जेल में रहकर और मजबूत हुए इरादे
जेल से लिखे खत में हार्दिक ने लिखा है कि मुझे भारतीय संविधान पर पूरा भरोसा है. काफी वक्त बाद जीत मिली है. नौ महीना मां के गर्भ में रहने जितना वक्त जेल में रहकर बहुत कुछ सीखने के लिए मिला है. मैं कोई क्रिमिनल नहीं हूं. जेल में रहकर मेरे इरादे और मजबूत बन गए.

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अमित शाह से कभी नहीं मिला हार्दिक
हार्दिक ने लिखा है कि 9 महीने जेल में राजनैतिक गंदगी को कैसे साफ करना ये भी सिखता रहा. मैं कभी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह या उनके किसी नेता या कांग्रेस के किसी नेता से नहीं मिला. यह किसी राजनीतिक पार्टी का आंदोलन नहीं है. यह किसी पार्टी का आंदोलन होता तो मैं कब का बाहर होता.

हार्दिक ने बीजेपी और कांग्रेस को दिया सीधा संदेश
जाहिर है कि हार्दिक जेल से बहार निकलने के पहले बीजेपी की आनंदीबेन सरकार ओर कांग्रेस जो उसका और पाटीदारों का राजनैतिक फायदा उठाना चाहती है, उन्हें सीधा मैसेज देने की कोशिश की गई है. हार्दिक पटेल के साथी वरुण पटेल का कहना है कि जमानत दिलाने में सरकार का कोई नर्म रुख नहीं था. सरकार के वकील ने तो काफी सख्त दलील पेश की थी. इसे जजमेंट की कॉपी से साफ देखा जा सकता है.

2017 विधानसभा चुनाव में पाटीदारों की रणनीति
हार्दिक के जेल से बाहर आने के बाद हार्दिक पटेल की रणनीति क्या होगी? पाटीदारों का आरक्षण आंदोलन और कितना मजबूत बनेगा? गुजरात हाई कोर्ट ने 6 महीने गुजरात के बाहर रहने के लिए कहा है. उस दौरान वो कहां जाएंगे, यह सवाल बना हुआ है.

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प्रदेश के 50 सीटों पर है पाटीदारों का असर
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में अब एक साल का वक्त रह गया है. गुजरात में पाटीदार 17 फीसदी हैं और पाटीदार वोट सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात समेत करीब 50 सीटों पर हावी रहते हैं. अगर हार्दिक पटेल के जेल से बाहर आने के बाद आंदोलन तेज हुआ तो बीजेपी को पाटीदारों की नाराजगी का भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

बीजेपी-कांग्रेस में क्रेडिट की रस्साकशी
बीजेपी बार-बार यही राग अलाप रही है कि हार्दिक को जेल से छुड़ाने में सरकार की अहम भूमिका है. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी का कहना है कि जिस पाटीदारों ने बीजेपी को सत्ता में बिठाया, उसी ने पाटीदारों को जेल में डाला.

जेल से बाहर आने पर होगा बड़ा कार्यक्रम
पाटीदारों ने हार्दिक के जेल के बहार आने के बाद पुरा प्रोग्राम तय कर लिया है. हार्दिक जब जेल से बाहर आने वक्त करीब 25000 पाटीदार उसका स्वागत करेंगे. इसके बाद सूरत में एक बड़ी सभा की जाएगी.

एक दिन के लिए गांव जाने की मिली इजाजत
हार्दिक ने कोर्ट से इजाजत मांगी थी कि उसे अपनी कुलदेवी के दर्शन के लिए उंजा जाना है, लेकिन कोर्ट ने उसके 9 महीने तक महेसाणा जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वैसे में हार्दिक के खास आग्रह पर कोर्ट ने उसे अपना सामान लेने के लिए खुद के घर विरमगांव आने की इजाजत दी है.

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कुल देवी के दर्शन के लिए जाएंगे हार्दिक
पुलिस पहरे में हार्दिक जिस राज्य में जाना चाहेंगे वहां जाकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा. पाटीदारों की मानें तो हार्दिक पहले अपनी कुलदेवी के मंदिर खोडलधाम जाएंगे फिर सांरगपुर हनुमान का दर्शन कर अपने घर जाएंगे. इसके बाद उन्हें गुजरात छोड देना होगा.

यूपी, दिल्ली या राजस्थान जा सकते हैं हार्दिक
फिलहाल पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के प्रवक्ता वरुण पटेल का कहना है कि हार्दिक दिल्ली, राजस्थान या यूपी के लखनऊ जा सकते हैं. 20 जुलाई को हार्दिक पटेल का जन्मदिन है. वैसे में जन्मदिन से पहले हार्दिक 15 तारीख को जेल से बाहर आ रहा है.

सरकार की रणनीति का दिखेगा असर
हार्दिक को गुजरात के बाहर रखने की सरकार की रणनीति पाटीदार आरक्षण आंदोलन के लिए कितनी कारगर साबित होगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन इतना जरूर है कि हार्दिक के जेल से रिहा होने पर पाटीदार आंदोलन को एक बार फिर हवा मिलेगी.

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