Advertisement

यहां होते हैं महादेव के जुड़वा रूप के दर्शन

गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर एक ऐसा मंदिर है, जहां एक छत के नीचे महादेव दो रूपों में दर्शन देते हैं. इस मंदिर में दो-दो नंदी भी हैं और वो भी आमने-सामने. कहते हैं जो कोई इन रूपों के दर्शन का सौभाग्य हासिल कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

नर्मदा के तट पर बसा है भगवान शिव का अनूठा मंदिर नर्मदा के तट पर बसा है भगवान शिव का अनूठा मंदिर
aajtak.in
  • नर्मदा,
  • 06 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर एक ऐसा मंदिर है, जहां एक छत के नीचे महादेव दो रूपों में दर्शन देते हैं. इस मंदिर में दो-दो नंदी भी हैं और वो भी आमने-सामने. कहते हैं जो कोई इन रूपों के दर्शन का सौभाग्य हासिल कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

इसे महादेव की महिमा कहिए, शिव का चमत्कार कहिए या फिर भोलेनाथ का वरदान. नमर्दा किनारे बने इस मंदिर में भक्तों को एक नहीं बल्कि दो रूपों में महादेव दर्शन देते हैं. गुजरात में नर्मदा के किनारे नदी के तट पर बना औघड़दानी का ये अद्भुत और चमत्कारी मंदिर है. यहां महादेव के एक रूप को धनेश्वर तो दूसरे को लुकेश्वर के नाम से पुकारते हैं.

Advertisement

बताया जाता है कि धनेश्वर महादेव की स्थापना स्वयं कुबेर ने की थी. कहते हैं रावण ने जब कुबेर से सोने की लंका छीन ली थी, तब कुबेर ने उसे वापस पाने के लिए भगवान शिव की तपस्या की. भोले भंडारी के उसी रूप को भक्त धनेश्वर के नाम से पूजते हैं. धनेश्वर महादेव के साथ ही विराजने वाले लुकेश्वर महादेव मंदिर भी उतना ही प्राचीन है.

विष्णु ने धरा स्त्री रूप
पौराणि‍क कथा के मुताबिक, भस्मासुर नामक दैत्य ने महादेव की तपस्या कर वरदान पाया था कि जिस पर वो हाथ रखेगा वो भस्म हो जाएगा. वरदान पाने के बाद भस्मासुर एक बार शिव के पीछे ही दौड़ पड़ा, तब भस्मासुर से डरकर महादेव नर्मदा किनारे इन्हीं झाड़ियों में छिप गए थे और तब भगवान विष्णु ने स्त्री रूप धारण कर छल पूर्वक भस्मासुर का हाथ उसी के ऊपर रखवा दिया. भस्मासुर अपने ही वरदान से जलकर भस्म हो गया और तभी से भोले भंडारी को यहां लुकेश्वर के नाम से पुकारा जाने लगा .

Advertisement

महादेव के इन दो रूपों धनेश्वर और लुकेश्वर महादेव के चमत्कार को उनके दरबार में आने के बाद ही महसूस किया जा सकता है. एक तरफ जहां भक्त यहां आकर महादेव के अनोखे रूप के दर्शन कर धन्य हो जाते हैं, वहीं भक्तों का मानना है कि यहां आने से न केवल उन्हें शांति मिलती है बल्कि भोले भंडारी सुखी जीवन का वरदान भी देते हैं. उससे भी बड़ी बात ये है कि यहां आकर ब्राह्मणों को भोजन कराने से हर तरह के पितृदोषों से भक्तों को छुटकारा मिला जाता है.

महादेव के इस रूप की महिमा और उनके चमत्कारों की चर्चा दूर दूर तक फैली हुई है. हर तरफ से निराश भक्त जब महादेव के दरबार में आते हैं तो उन्हें कुछ ऐसा चैन और सुकून मिलता है कि भक्त बस यहीं के होकर रह जाते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement