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PM मोदी के मैराथन दौरे और लुभावने वादे, क्या गुजरात में BJP की राह आसान नहीं?

प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह अपने गृह राज्य गुजरात पर बीते कुछ महीनों से सौगातों की बौछार कर रहे हैं, उससे लगने लगा है कि उन्हें भी यह अहसास हो चुका है कि गुजरात में उनकी नांव डगमगाने लगी है. गुजरात पर सौगातों की यह बौछार उसी को संभालने की कोशिश नजर आती है.

PM मोदी ने इस महीने तीन बार गुजरात दौरे पर गए और ढेरों सौगातों की घोषणा की PM मोदी ने इस महीने तीन बार गुजरात दौरे पर गए और ढेरों सौगातों की घोषणा की
आशुतोष कुमार मौर्य
  • गांधीनगर,
  • 22 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:41 AM IST

बीते कुछ महीनों से पूरा देश देख रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य गुजरात पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं. इसी महीने मोदी तीन बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं और वडोदरा की रैली मोदी की इस साल गुजरात की नौवीं रैली थी.

लेकिन खास बात यह है कि मोदी सिर्फ रैलियां और भाषणबाजी ही नहीं कर रहे, अपने गृह नगर गुजरात की ओर जैसे राजकोष का मुंह खोल दिया है, उपहारों की बौछार कर दी है. बीते कुछ ही महीने में प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में कई बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है.

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ऐसे में लाजिमी ही सवाल उठता है कि गुजरात पर 'सरकार' इतने मेहरबान क्यों हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव में कहीं उन्हें बीजेपी की हालत पतली तो नहीं दिखाई दे रही, जो खजाना लुटाकर जनता को लुभाने में लगे हुए हैं.

आइए नजर डालते हैं बीते कुछ महीने में गुजरात को क्या-क्या गिफ्ट दिए मोदी ने

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन लाइन

प्रधानमंत्री मोदी बीते महीने जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ अपने गृह राज्य पहुंचे और अपने सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में गुजरात को अब तक का सबसे बड़ा गिफ्ट दिया. मोदी ने आबे के साथ देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की नींव रखी. जापान की मदद से 2022 तक पूरा होने वाले इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च होने हैं. इसे अब तक मोदी की ओर से गुजरात को दी गई सबसे बड़ी सौगात माना जा रहा है.

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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के जरिए मोदी ने अपनी केंद्र सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी बेरोजगारी की समस्या को भी साधने की कोशिश की.

जन्मदिन पर गुजरातवासियों को समर्पित किया नर्मदा बांध

17 सितंबर को अपने 67वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने नर्मदा नदी पर निर्मित सरदार सरोवर बांध के नवनिर्मित गेटों का उद्घाटन किया. नए गेट बनने के बाद डैम की ऊंचाई बढ़कर 138.68 मीटर हो गई है. बांध की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर विवाद के चलते मौजूदा ऊंचाई तक बांध निर्मित करने में 56 साल लग गए. मोदी ने सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित करते हुए इसे देश की ताकत का प्रतीक बताया और लगे हाथ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल और बाबासाहब अंबेडकर कुछ और दिन जिंदा होते तो यह डैम बहुत पहले बन गया होता.

अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार सरोवर डैम के पास सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने की इस परियोजना की घोषणा लोकसभा चुनाव-2014 में ही कर दी थी. लेकिन बीच-बीच में वह इसके जरिए पटेल समुदाय को अपने पाले में करना नहीं भूलते. सरदार सरोवर डैम के लोकार्पण के बाद मोदी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण कार्य का जायजा भी लेने गए. इस परियोजना को लेकर भी उन्होंने अपने खास अंदाज में कहा कि वह जब भी कुछ काम सोचते हैं तो छोटा काम सोचते ही नहीं. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सरदार सरोवर बांध के करीब नर्मदा नदी के बीचो-बीच बन रही यह सरदार पटेल की प्रतिमा अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी ऊंची होगी, जिसे लाखों लोग देखने आएंगे. गौरतलब है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण पर 2989 करोड़ रूपये की लागत आने का अनुमान है.

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ओखा-बेट द्वारका पुल

सात अक्टूबर को गुजरात में चुनावी शंखनाद करने पहुंचे मोदी ने सबसे पहले द्वारकाधीश जाकर पूजा अर्चना की और उसके बाद ढेरों परियोजनाओं का उद्घाटन किया. द्वारका में ओखा समुद्रतट से कुछ दूरी पर स्थित द्विपीय घर्मस्थल बेट द्वारका के लिए प्रधानमंत्री ने पुल का शिलान्यास किया. इससे पहले तक श्रद्धालु स्टीमरों से बेट द्वारका दर्शन के लिए जाते थे. द्वारका में राष्ट्रीय राजमार्ग-51 पर बनने वाले इस पुल की परियोजना लागत 962 करोड़ रुपये है.

राजकोट में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

इसी रैली के दौरान मोदी ने राजकोट में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की भी आधारशिला रखी और कहा कि किसने सोचा था कि इस जिले में एयरपोर्ट आएगा. क्या यह विकास नहीं है?

GST में बदलाव

एक दिन पहले GST काउंसिल द्वारा जीएसटी की दरों में किए गए संशोधन को भी मोदी गुजरात में भुनाना नहीं भूले. पीएम मोदी ने जीएसटी दरों में कटौती के फैसले पर कहा कि लोग कह रहे हैं कि देश में 15 दिन पहले दिवाली आ गई है.

इसके अलावा इसी रैली के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-51 के 116.24 किलोमीटर लंबे पोरबंदर-द्वारका खंड को चार लेन बनाने, 370 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग-51 के 93.56 किलोमीटर लंबे गडू-पोरबंदर खंड को 2/4 लेन बनाने और 2893 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग-47 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग-27 के 201.31 किलोमीटर लंबे अहमदाबाद-राजकोट खंड को छह लेन का बनाने वाली परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया.

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PM बनने के बाद पहली बार गए गृह नगर वडनगर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य के लोगों के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ने के लिए अपने गृह नगर वडनगर करने का भी फैसला किया और वहां भी उन्होंने जमकर गिफ्ट लुटाए.

GMERS मेडिकल कॉलेज, नर्मदा बैराज, अंत्योदय एक्सप्रेस

मोदी ने अपने गृह नगर वडनगर में GMERS मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने भरूच जिले में नर्मदा नदी पर बनने वाले बैराज का उद्घाटन किया और अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

रो-रो फेरी सर्विस

भावनगर के घोघा से भरूच के दहेज के बीच 650 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह रो-रो फेरी सर्विस सौराष्ट्र और गुजरात के बीच की दूरी को 360 किलोमीटर से घटाकर मात्र 31 किलोमीटर का कर देगा. प्रधानमंत्री मोदी ने इस फेरी सर्विस परियोजना को अपने दिल के बेहद करीब भी बताया.

वडोदरा में 3650 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन

रो-रो फेरी सर्विस का उद्घाटन करने के बाद वडोदरा में मोदी ने 3650 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने वडोदरा में सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर और वाघोदिया रिजनल वाटर सप्लाई स्कीम का लोकार्पण करने के अलावा एक फ्लाईओवर, सिंधरोट में माही नदी पर एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, एक इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब 'जन महल', दाभोई रिजनल वाटर सप्लाई स्कीम, सनखेडा रिजनल वाटर सप्लाई स्कीम, मुंद्रा से दिल्ली के लिए पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन की क्षमता विस्तार से संबंधित स्कीम और ग्रीनफील्ड मार्केटिंग टर्मिनल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी.

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प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह अपने गृह राज्य गुजरात पर बीते कुछ महीनों से सौगातों की बौछार कर रहे हैं, उससे लगने लगा है कि उन्हें भी यह अहसास हो चुका है कि गुजरात में उनकी नांव डगमगाने लगी है. गुजरात पर सौगातों की यह बौछार उसी को संभालने की कोशिश नजर आती है. गुजरात में बीते कुछ समय के दौरान जिस तरह दलित उत्पीड़न, अवैध शराब के कारोबार, पाटीदारों के आंदोलन और ओबीसी वर्ग का मुद्दा तेजी से उठा है, उसने सत्तारूढ़ बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. अब देखना होगा कि मोदी के ये गिफ्ट आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें लाभ पहुंचा पाते हैं या नहीं.

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