मकान की मरम्मत, कोर्ट-कचहरी के चक्कर, गुलाबो सिताबो सा ही था इस फिल्म का हाल

फिल्म मोहन जोशी हाजिर हो में भी मोहन जोशी नाम के एक बुजुर्ग को अपने घर की मरम्मत कराने के लिए वृद्धावस्था में काफी भाग-दौड़ करनी पड़ती है. और इसके बाद वो सिस्टम का सहारा लेता है. कानूनी लड़ाई लड़ता है.

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भीष्म साहनी संग दीना पाठक भीष्म साहनी संग दीना पाठक

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

अमिताभ बच्चन की फिल्म गुलाबो सिताबो OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जा चुकी है. फिल्म को दर्शकों द्वारा मिक्सिड रिव्यूज मिल रहे हैं. मगर फिल्म में कलाकारों की एक्टिंग को खूब पसंद किया जा रहा है. खासकर जिस तरह से अमिताभ बच्चन ने मिर्जा का रोल प्ले किया है वो काबिल-ए-तारीफ है. एक पुरानी टूटी-फूटी हवेली को अपना बनाने के लिए जिस तरह से एक लालची और सठियाए हुए बुजुर्ग इंसान का उन्होंने रोल प्ले किया है वो लोगों को भा रहा है. फिल्म में वे 78 साल के शख्स के रोल में हैं जो हवेली पर अपना अधिकार जमाने के लिए खूब मशक्कत करता है. कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाता है. ऐसा ही 80 के दशक की एक और फिल्म में देखने को मिला था. फिल्म का नाम था मोहन जोशी हाजिर हो.

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फिल्म की कहानी हालांकि गुलाबो सिताबो से अलग थी मगर प्लॉट लगभग एक सा था. इस फिल्म में भी एक बुजुर्ग को अपने घर की मरम्मत कराने के लिए वृद्धावस्था में काफी भाग-दौड़ करनी पड़ती है. और इसके बाद वो सिस्टम का सहारा लेता है. कानूनी लड़ाई लड़ता है. मगर सिस्टम ही जब ऊपर से लेकर नीचे तक करप्ट हो तो फिर किसी से कोई क्या उम्मीद रखे. गुलाबो सिताबो में भी अंत में यही देखने को मिलता है. आर्कियोलॉजिकल वाले अपने फायदे के लिए हवेली और उसकी जमीन पर नजर गड़ाए बैठै थे तो वहीं वकील का उसमें बिल्डर्स के साथ मिल कर अलग ही इंटरेस्ट था. ऐसा ही मोहन जोशी हाजिर हो में भी देखने को मिला.

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मकान की मरम्मत के लिए एक बुजुर्ग का संघर्ष

एक बुजुर्ग अपने मकान की जर्जर हालत की शिकायत लेकर कचहरी जा रहा है और जिस वकील से वो बात कर रहा है वे उसे एक तरफ झूठा दिलासा दे रहे हैं और दूसरी तरफ पैसे भी चालबाजी से हड़पते जा रहे हैं. चॉल का जो बिल्डर है वो एक नंबर का कंजूस है और दबंग इंसान है. मकान गिरने की कगार पर आ गए हैं और वो मरम्मत का नाम तक नहीं ले रहा है. ऐसे में बुजुर्ग मोहन जोशी कानून का सहारा लेते हैं और उस बिल्डर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हैं. अपना केस लड़ने के लिए उन्हें कितनी समस्याओं से हो कर गुजना पड़ता है, कितनों को घूस देनी पड़ती है और किस-किस तरह का संघर्ष करना पड़ता है ये इस फिल्म में दिखाया गया है.

फिल्म मोहन जोशी हाजिर हो की बात करें तो इसका निर्देशन सईद अख्तर मिर्जा ने किया था. फिल्म के डायलॉग्स सुधीर मिश्रा ने लिखे थे. फिल्म में मोहन जोशी का रोल महान लेखक और कहानीकार भीष्म साहनी ने प्ले किया था. इसके अलावा फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, सतीश शाह, दीप्ति नवल, दीना पाठक और अमजद खान जैसे कलाकार थे. फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था.

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