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गुवाहाटी हाई कोर्ट का आदेश, शाम 5 बजे तक बहाल हों इंटरनेट सेवाएं

हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद असम सरकार ने कई इलाकों में इंटरनेट और फोन सेवाओं पर रोक लगा दी थी. कई इलाकों में प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था. अब गुवाहाटी हाई कोर्ट ने इसे बहाल करने के आदेश दिए हैं.

असम में विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो-ANI) असम में विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

  • असम सरकार को 400 करोड़ का घाटा
  • असम का पर्यटन उद्योग काफी प्रभावित

असम में नगारिकता कानून को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद राज्य सरकार ने कई इलाकों में इंटरनेट और फोन सेवाओं पर रोक लगा दी थी. कई इलाकों में प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था. अब गुवाहाटी हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि असम सरकार शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बहाल करे.

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असम में फिलहाल प्रदर्शन बंद हैं लेकिन इसका व्यापक असर देखा जा रहा है. यहां सबसे ज्यादा घाटा पर्यटन उद्योग को हुआ है. असम पर्यटन विभाग के मुताबिक विरोध प्रदर्शन के कारण सरकार को 400 करोड़ का घाटा हुआ है. नागरिकता कानून को लेकर जब से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है तब से राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पर्यटकों ने यहां आना बंद कर दिया है. जिनके पहले से आने की योजना थी, उन्होंने अपने प्लान बदल दिए.

असम के अलावा उत्तर-पूर्व के अन्य इलाकों में भी लोगों ने आना-जाना बंद कर दिया है. पर्यटन विभाग के जयंत माला बरूआ ने इंडिया टुडे से कहा, असम में पर्यटन के लिहाज से दिसंबर महीना काफी खास होता है. पर्यटन से जुड़े लोग इस महीने का इंतजार करते हैं. पर्यटन की अवधि नवंबर से शुरू होकर जनवरी तक चलती है. पिछले साल दिसंबर में 4504 विदेशी पर्यटक असम आए थे. इसी अवधि में 4.25 लाख घरेलू पर्यटक यहां पहुंचे. अगर विरोध प्रदर्शन की यही हालत रही तो प्रदेश के पर्यटन पर काफी बुरा असर पड़ेगा और राजस्व में बड़ी गिरावट आएगी.

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दूसरी ओर असम स्टूडेंट्स फोरम ने असम पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में रपट लिखाई है. इस फोरम में सात यूनिवर्सिटी और 50 कॉलेज के छात्र शामिल हैं. रपट में कहा गया है कि पुलिसिया कार्रवाई में 1 छात्र मारा गया जबकि 150 जख्मी हो गए. शिकायत में कहा गया है कि असम पुलिस ने कॉलेज की छात्राओं के खिलाफ बल प्रयोग कर गैर-कानूनी काम किया है. शिकायत में पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.(इनपुट/हेमंत नाथ)

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