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जमात उद दावा के मुखिया हाफिज सईद ने एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धमकी दी है. हाफिज सईद ने रविवार को लाहौर में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर युद्ध हुआ तो अमेरिका को दुनिया के नक्शे से मिटा दिया जाएगा.
हाफिज सईद ने अमेरिका के जेरूसलेम को इजराइल की राजधानी घोषित करने के विरोध में लाहौर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रंप की घोषणा 'ऐलान-ए-जंग' है. हाफिज ने दुनिया के सभी मुसलमान देशों से एकजुट होकर ट्रंप की चुनौति स्वीकार करने की अपील की.
'दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल' के बैनर तले लाहौर में इजराइल के खिलाफ रैली को संबोधित करते हुए हाफिज सईद ने कहा कि 'जिहाद' राज्य और हुक्मरानों की जिम्मेदारी है. हाफिज सईद की मौजूदगी में कट्टरपंथी मुल्लाओं ने मंच से हिंदुस्तान के खिलाफ जम कर जहर उगला. अमेरिका और इजरायल के साथ हिंदुस्तान की बर्बादी के लिए नारे लगाए.
हाफिज ने पाकिस्तान सरकार से जिहाद करने के अपील की और ऐलान किया कि 29 दिसंबर को रावलपिंडी में एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी. 29 दिसंबर को ही आंदोलन से जुड़ा बड़ा ऐलान किया जाएगा.
आतंकी हाफिज सईद चाहता है कि पाकिस्तान सरकार सभी मुसलमान मुल्को का एक सम्मेलन इस्लामाबाद में बुलाये. हाफिज ने इसके लिए पाकिस्तान सरकार से अपील की. पाकिस्तान सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा की अमेरिका के दूतावास को भी पाकिस्तान में बंद कर दिया जाए.
कोर्ट से रिहा होने के बाद आतंक का आका हाफिज सईद अपनी ताकत को दोबारा समेटने में लगा है. वो अपने कट्टर और भड़काऊ भाषण के जरिये पाकिस्तान में कट्टपंथी ताकतों को फिर से एक जुट करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका की इजराइल और जेरूसलेम पर घोषणा के बाद हाफिज सईद को एक नई उम्मीद दिखी है और इसी बहाने कट्टरपंथी ताकतों को भड़काने के लिए फिलिस्तीन की समस्या का हल जिहाद को बता रहा है. साथ ही फिलिस्तीन के साथ कश्मीर के साथ जोड़ने की असफल कोशिश कर रहा है.
दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का आका हाफिज सईद अपने आतंकी मंसूबो को पूरा करने के लिए अब पाकिस्तान में चुनाव लड़ना चाहता है. इसके लिए 'मिली मुस्लिम लीग' नाम की राजनीतिक पार्टी का भी गठन कर चुका है और राजनीति की आड़ में वो अपनी आतंकी गतिविधियों पर पर्दा ढकना चाहता है.