
हाफिज सईद पाकिस्तान में आजाद होते ही भारत के लिए खतरा बढ़ाने में लग गया है. अपने तकरीरों से एक बार वह फिर भारत की बर्बादी के लिए प्लान बनाने में लग गया है. शनिवार को भी उसने भारत और कश्मीर को लेकर एक बार फिर जहर उगला.
आपको बता दें कि पाकिस्तान भी चाहता है कि हाफिज सईद उसकी आतंक की फैक्ट्री फुल स्पीड से चलाता रहे. आजतक ने पहले भी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हाफिज सईद रिहा होकर अब वो 10 महीने बाद फिर यही सब करेगा. पिछले 10 महीने में उसने एक राजनैतिक पार्टी भी बना ली है. वो अब टीवी पर बैठकर इंटरव्यू देगा.
ऐसा ही शनिवार को देखने को मिला. हाफिज सईद ने भारत को खुलेआम धमकी दी. हाफिज ने कहा कि अगर मशरिकी पाकिस्तान (ईस्ट पाकिस्तान) का बदला लेना है तो कश्मीर से इंतकाम का रास्ता बन रहा है, निकल रहा है, चल रहा है और इंशाअल्लाह ये तहरीक जारी है, इसने बहुत आगे जाने है.
लाहौर, पाकिस्तान में दिए गए सईद के इस बयान में ईस्ट पाकिस्तान का बदला मतलब बांग्लादेश की आजादी से है. हाफिज पहले भी भारत को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा आग उगलता रहा है. एक बार फिर उसने कश्मीर में आग भड़काने के लिए ईस्ट पाकिस्तान का मसला सामने रखा है.
आपको बता दें कि सूत्रों के अनुसार मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म होने जम्मू कश्मीर में चल रहे सेना के ऑपरेशन ऑल आउट से कनेक्शन है. सेना के इस ऑपरेशन से कश्मीर में एक के बाद एक टॉप आतंकी मारे जा रहे थे और घाटी में दहशत का खेल खेलने वालों के हौसले पस्त हो रहे थे, उसी समय पिछले 10 महीने से नजरबंद हाफिज सईद को सरहद के इस पार मौत का खेल खेलने के लिए फिर से खुला छोड़ दिया गया है. मात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद ने रिहा होते ही कश्मीर का राग अलापकर अपने नापाक मंसूबे भी साफ कर दिए थे. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक कुमार मेहता ने aajtak.in से बातचीत में साफ तौर पर माना था कि हाफिज की रिहाई और कश्मीर में आतंकियों के सफाये के बीच सीधा कनेक्शन है.
अब जब कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के पैर उखड़ने लगे हैं, तो पाकिस्तानी सेना और ISI ने हाफिज सईद को रिहा करने का दांव चला है. नजरबंदी से रिहा होते ही जिस तरह से हाफिज सईद ने कश्मीर राग अलापा और भारत के खिलाफ जहर उगला, उससे उसके मंसूबे साफ हैं.
आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना के दमन के बावजूद 1971 में पूर्वी पाकिस्तान एक नए राष्ट्र में सामने आया और उसका नाम बांग्लादेश रखा गया. बांग्लादेश की आजादी में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी योगदान रहा था. 2011 में इसके लिए बांग्लादेश ने आभार जताते हुए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘बांग्लादेश स्वाधीनता सनमानोना’ देने का फैसला किया था.
आपको बता दें कि शनिवार को विजय दिवस भी मनाया गया. 16 दिसंबर को हर साल भारत विजय दिवस मनाता है. आज के ही दिन भारतीय सेना के पराक्रम से दुनिया में एक नए देश को जन्म हुआ था. आज ही के दिन पूर्वी मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने पराजय स्वीकार करते हुए 93 हजार पाक सैनिकों के साथ भारतीय सेना के समक्ष ढाका में सरेंडर किया था.