
पाटीदार समाज के युवाओं द्वारा गुजरात के मोरबी से बीजेपी विधायक कांति अमृतिया का घेराव करने के अगले ही दिन शुक्रवार को पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को अदालत से रिहाई मिल गई.
इसी वर्ष गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकार पाटीदारों को मनाने में जुट गई है. वहीं दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी भी पहली बार गुजरात में चुनावी समर में उतर रही है.
हार्दिक पटेल को करीब 10 दिन पहले लूट और मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और सप्ताह भर से वह न्यायिक हिरासत में थे. शुक्रवार को पाटण की जिला अदालत ने हार्दिक को सशर्त जमानत दे दी. पाटण की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के जज बीबी पाठक ने हार्दिक, दिनेश भंभानिया और महेश पटेल की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी.
हालांकि अदालत ने तीनों को बिना कोर्ट की इजाजत के गुजरात न छोड़ने का निर्देश भी दिया है. तीनों से अपने-अपने पासपोर्ट भी कोर्ट में जमा करने के लिए कहा गया है. उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले एक महीने के अंदर गुजरात में कई चुनावी दौरे करने वाले हैं.
हार्दिक की रिहाई को लेकर बीजेपी विधायक का घेराव
एक दिन पहले हार्दिक की रिहाई की मांग को लेकर पाटीदार समाज के युवाओं ने बीजेपी एमएलए कांति अमृतिया को घेर लिया था और अमृतिया के पसीने छूट गए थे. अमृतिया अपने चुनाव क्षेत्र मोरबी में निकले तो उन्हें पाटीदार युवाओं ने घेर लिया और हार्दिक पटेल को जेल से छुड़ाने की मांग की. यही नहीं, पाटीदार युवाओं ने उनका वीडियो भी उतारा.
घेराव के वक्त विधायक बुरी तरह घबरा गए, उनके चेहरे की हवाइयां उड़ गई. यहां तक कि पाटीदारों ने जो बुलवाया वो विधायक बोले और आखिर में कहा कि वो पाटीदार आंदोलन को अपना समर्थन देते हैं.