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हार्दिक पटेलः ...तो हां, हमें जाति की सियायत पसंद है !

मैं सहमत हूं कि जब हम एक ही समुदाय की बात करते हैं तो यह कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग सकता.

हार्दिक पटेल हार्दिक पटेल
संध्या द्विवेदी/मंजीत ठाकुर
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  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

पटेल आरक्षण का आंदोलन खड़ा करने वाले हार्दिक पटेल ने खुलकर की बातचीत-

गुजरात में पाटीदार आंदोलन के नेता

''हम किसी का विरोध नहीं करते. हम किसी के खिलाफ नहीं हैं. मैं सहमत हूं कि जब हम एक ही समुदाय की बात करते हैं तो यह कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग सकता. मगर हम केवल युवाओं के लिए नौकरियां और तालीम और किसानों के हक मांग रहे हैं.

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बाकी हिंदुस्तान की तरह गुजरात में भी शिक्षा में भ्रष्टाचार है, नौकरियां नहीं हैं, किसान दिन भर काम करते हैं पर उन्हें अपनी फसलों के सही दाम नहीं मिलते.

कोई चाहे किसी भी समुदाय से आता हो, उसे अपने अधिकार मांगने का हक है. किसी ने कभी नहीं पूछा, ''हार्दिक, तुम आरक्षण क्यों मांग रहे हो?" किसी ने आरक्षण की हमारी मांग के पीछे की वजहों को कभी जानना नहीं चाहा. हर किसी ने बस इतना कहा, ''तुम पटेल हो, तुम ऊंची जाति से आते हो, तुम्हारे समुदाय में हीरों के कारोबारी हैं, तुम्हारे पास बड़ी-बड़ी जमीनें हैं, फिर भी तुम आरक्षण मांग रहे हो?"

हम यह नहीं कह रहे हैं कि आरक्षण से हमारी सारी मुश्किलें हल हो जाएंगी, मगर नौकरियों के लिए मची चीख-पुकार को सुनिए, देखिए कि लोग कैसे खुदकुशी कर रहे हैं, देखिए कि स्कूल कैसे बंद हो रहे हैं. हम अपना काम करते हैं और बड़े गर्व से करते हैं. हम कुछ भी छिपाते नहीं हैं. अगर कोई सोचता है कि हम जाति की सियासत की बात करते हैं, तो हां, हमें जाति की सियायत पसंद है."

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