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जाट आरक्षण: हरियाणा विधानसभा में बिना चर्चा के पास हुआ बिल

जाट आरक्षण बिल मंगलवार को सदन में रखा गया था. बिल पास होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने अपना वादा पूरा किया है.

ब्रजेश मिश्र
  • चंडीगढ़,
  • 29 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST

हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को जाट आरक्षण बिल बिना चर्चा के ही सर्वसम्मति से पास हो गया. इसके साथ ही सदन में हरियाणा पिछड़ा आयोग बिल भी ऐसे ही पास हुआ.

जाटों को आरक्षण देने के लिए सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी दे दी थी. इसके लिए पिछड़ा वर्ग में नई कैटेगरी (बीसी-सी) बनाई गई है.

जाट आरक्षण बिल मंगलवार को सदन में रखा गया था. बिल पास होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने अपना वादा पूरा किया है.

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ऐसे लागू होगा आरक्षण
बीसी-सी श्रेणी को शैक्षणिक संस्थानों, तृतीय चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 10 फीसदी और प्रथम-द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 6 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है.

वहीं, प्रथम और द्वितीय श्रेणी में बीसी-ए का कोटा 10 से बढ़ाकर 11, बीसी-बी का कोटा 5 से बढ़ाकर 6 और ईबीसी का कोटा 5 से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. इस तरह आरक्षण 10 फीसदी और बढ़ जाएगा. जिससे प्रथम और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में कुल 50 और शैक्षणिक संस्थानों, तृतीय चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 67 फीसदी तक आरक्षण होगा.

जाटों ने किया था आंदोलन
फरवरी में जाटों ने हरियाणा में ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था. 9 तक दिन चले इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था और इसमें 30 लोगों की जान चल गई थी. आंदोलन में करोड़ों रुपये की निजी और सरकारी संपत्त‍ि को नुकसान पहुंचा था.

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