
हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य में शिक्षकों के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है. इसमें शिक्षकों के जींस पैंट पहनने पर रोक लगा दी गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि वे सिर्फ फॉर्मल ड्रेस पहनकर ही विद्यालय जा सकेंगे. विभाग ने सर्कुलर जारी कर बताया कि उसे कुछ शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह फैसला किया गया.
शिक्षा विभाग ने जो सर्कुलर जारी किया है उसमें लिखा है, 'प्रायः ऐसा देखने में आया है कि राजकीय प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक विद्यालयों में जींस पैंट पहन कर आते हैं. इसके साथ ही विद्यालय के किसी कार्य की वजह से अगर उन्हें निदेशालय जाना पड़ रहा हो, तो वो वहां भी जींस पहनकर ही चले जाते हैं. यह उचित नहीं है, इसलिए सुनिश्चित करें कि कोई भी अध्यापक जींस पहनकर ना आएं. अध्यापक फॉर्मल कपड़े ही पहनें.
'यह जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है'
चार जून की तारीख में जारी इस दिशा-निर्देश के खिलाफ खड़े राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ (आरपीएसएस) का कहना है कि निर्णय मनमाना है और यह सरकार के परामर्श के बिना जल्दबाजी में लिया गया है.
'अधिक शिक्षक युवा हैं, जींस उनकी पसंद है'
आरपीएसएस के महासचिव ने कहा, 'अभी स्कूलों में छुट्टियां हैं. इस समय इस तरह के निर्देश जारी करने का क्या औचित्य है. हरियाणा में अधिकर प्राथमिक और मध्य स्कूल के शिक्षक युवा हैं और उन्हें जींस पहनना पसंद है. इस तरह का तुगलकी फरमान जारी करने से बेहतर होता कि विभाग एक फॉर्मल ड्रेस कोड की घोषणा करता.'
शिक्षकों का कहना है कि जींस पैंट पहनने में कोई नुकसान नहीं है, बल्कि जींस पैंट या फिर दूसरे फॉर्मल पैंट में कोई खास अंतर भी नहीं होता. दोनों ही शरीर को पूरी तरह से ढकने के काम आता है.