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आरक्षण की मांग लेकर सड़क पर उतरे जाट, मंत्री बोले- शांतिपूर्ण आंदोलन सबका अधि‍कार

कई जाट नेताओं ने रविवार से फिर से जाट आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया था.

रोहित गुप्ता/नितिन जैन
  • चंडीगढ़/सोनीपत/रोहतक,
  • 05 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

हरियाणा में रविवार से एक बार फिर आरक्षण को लेकर जाट समुदाय का आंदोलन शुरू हो गया है. आंदोलनकारी जींद पटियाला रोड पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं हालात संभालने के लिए 8 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है. पिछली बार के हिंसक आंदोलन से सबक लेते हुए पैरामिलिट्री की 55 कंपनियां तैनात कर दी गई है.

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इस बीच कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने कहा कि जाट शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आंदोलन करना सबका अधि‍कार है. हरियाणा सरकार हाई कोर्ट में अच्छे से केस लड़ेगी.'

जाट आंदोलन के कारण एक दिन पहले ही दिल्ली से सटे सोनीपत में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है. जाट नेता भूप सिंह ने कहा कि चार बजे तक प्रदर्शन होगा और उसके बाद रैली की जाएगी. हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे शांतिपूर्वक धरना देंगे.

रोहतक में 6 संगठनों ने वापस लिया आंदोलन: DC
रोहतक के उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया, '6 संगठनों ने बातचीत के बाद आंदोलन वास ले लिया. रोहतक शहर में हालात पूरी तरह शांतिपूर्ण हैं. जैसिया गांव में एक ग्रुप विरोध प्रदर्शन करेगा. किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारियां हैं. रोहतक में अर्धसैनिक बलों की 6 कंपनियां तैनात हैं.'

 

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AIJASS ने किया है आंदोलन का ऐलान
कई जाट नेताओं ने रविवार से फिर से जाट आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया था. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट एवं अन्य समुदाय के लिए आरक्षण कोटे की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद एक बार फिर जाटों ने आंदोलन की घोषणा कर दी. आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने फिर से आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया है. जाट समुदाय के कुछ अन्य वर्गो और उनके नेताओं ने इस आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है. एआईजेएएसएस के नेता हवा सिंह सांगवान ने आश्वस्त किया है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा.

जाट आंदोलन में मारे गए थे 30 लोग
हरियाणा ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था. आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी. करीब 10 दिनों तक राज्य पंगु बना रहा था. आंदोलन की घोषणा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को सभी पुलिसकर्मियों का अवकाश रद्द किए जाने की घोषणा की.

पुलिस हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार
हरियाणा के अपर मुख्य सचिव गृह राम निवास ने यहां कहा कि हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की कंपनियां कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस की सहायता करेंगी. हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुहम्मद अकिल ने कहा कि पुलिस किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखेगी और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. व्यक्ति या समूह जो शांतिपूर्ण माहौल को सीधे या परोक्ष रूप से दूषित करने की कोशिश करेंगे, उनके ख‍िलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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सोनीपत में अगले आदेश तक बैन रहेगा इंटरनेट
उधर शन‍ि‍वार को सोनीपत के जिलाधिकारी के. मकरंद पांडुरंग ने जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने का आदेश जारी किया जो रविवार से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा. जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी संभावना थी कि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल गलत सूचना और अफवाह फैलाने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इन सेवाओं का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में भी किया जा सकता था जैसे सड़क, राजमार्ग और रेल पटरियां अवरूद्ध करना, सरकारी सम्पत्ति को क्षतिग्रस्त करना और आवश्यक सेवा एवं खाद्य आपूर्ति बाधित करना.

सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा सकती हैं अफवाहें
पांडुरंग ने कहा कि सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राफ, फ्लिकर, टम्बलर, गूगल प्लस और मोबाइल इंटरनेट का इस उद्देश्य के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इन आदेशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है.

रोहतक में धारा 144 के उल्लंघन पर नोटिस जारी
इस बीच रोहतक के जिला प्रशासन ने अनुमति के बिना धरने के लिए टेंट लगाकर जिले में लगाई गई धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए चार लोगों को नोटिस जारी किए हैं. रोहतक के उपायुक्त अतुल कुमार ने कहा कि गांव जसिया में कान्ही चौक के पास टेंट लगाने के लिए नोटिस रिथल के पूर्व सरपंच उमेद सिंह, जसिया निवासी सोमवीर सिंह, देव कालोनी के अशोक बलहारा और रोहतक के विजयदीप को जारी किये गए हैं. टेंट लगाने के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी. इन लोगों को तत्काल टेंट हटाने का निर्देश दिया गया है और उनसे दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है.

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