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कहीं गोमांस से तो नहीं बनी बिरयानी? दुकानों से सैंपल लेने में जुटी हरियाणा पुलिस

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स इन दिनों मेवात और गुड़गांव में खास मिशन पर है. हरियाणा गोसेवा आयोग के निर्देश पर पुलिस इन दिनों बिरयानी बेचने वाले स्टॉल्स और दुकानों से सैंपल ले रही है. सैंपल ये पता लगाने को लिए जा रहे हैं कि कहीं बिरयानी गोमांस से तो नहीं बन रही है.

बिरयानी स्टॉल बिरयानी स्टॉल
केशव कुमार/खुशदीप सहगल
  • गुड़गांव,
  • 07 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:29 AM IST

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स इन दिनों मेवात और गुड़गांव में खास मिशन पर है. हरियाणा गोसेवा आयोग के निर्देश पर पुलिस इन दिनों बिरयानी बेचने वाले स्टॉल्स और दुकानों से सैंपल ले रही है. सैंपल ये पता लगाने को लिए जा रहे हैं कि कहीं बिरयानी गोमांस से तो नहीं बन रही है.

बिरयानी में गोमांस की शिकायत
हरियाणा के गोसेवा आयोग के चेयरमैन भनी राम मंगला का कहना है कि ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ वेंडर गोमांस से बिरयानी बना रहे हैं. स्पेशल टास्क डीएसपी भारती अरोड़ा ने भी पुलिस को गो तस्करी, गोहत्या की जांच के साथ बिरयानी के सैंपल लेने के मिशन पर लगाया है.

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मेवात में कई जगहों से लिए सैंपल
फिलहाल मुस्लिम बहुल जिले मेवात में बिरयानी के सैंपल लिए जाने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है. मंगलवार को कई जगह से सैंपल लिए गए. सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा गया है. हरियाणा में बीजेपी सरकार आने के बाद 2015 से गोहत्या से जुड़े कानून बहुत सख्त कर दिए गए हैं. राज्य में गोहत्या करने पर 10 साल की सजा और गोमांस बेचने पर 5 साल की सजा हो सकती है.

बकरीद को लेकर बढ़ी सतर्कता
गौरतलब है कि कुछ ही दिन बाद बकरीद आने वाली है. बिरयानी बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि वो क्यों बिरयानी में बीफ (गोमांस) का इस्तेमाल कर मुसीबत मोल लेंगे. इनका ये भी कहना है कि मटन और चिकन की जगह बीफ का इस्तेमाल महंगा पड़ेगा. इन दुकानदारों के मुताबिक बीफ का मिलना ही बहुत मुश्किल है. हरियाणा पुलिस जिस तरह कार्रवाई कर रही है उससे आशंका है कि दुकानदार कहीं बिरयानी बेचना ही बंद ना कर दें.

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हरियाणा में अपराध का ग्राफ ऊंचा
अभी हाल में नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB) ने देश के राज्यों में अपराधों की स्थिति का जो लेखाजोखा दिया था, उसमें हरियाणा में भी कई अपराधों का ग्राफ बहुत ऊंचा दिखा. ऐसे में हरियाणा में पुलिस को अपराधों की रोकथाम की जगह 'मिशन बिरयानी' पर लगाना अपने आप में ही एक सवाल है.

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